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पश्चिम मध्य रेल, सुरक्षा को देता है सर्वोच्च प्राथमिकता : महाप्रबंधक

कोटा , 01 मई |

संवाददाता शिवकुमार शर्मा

सेफ्टी नियमों का पालन हेतु चलाए जा रहे संरक्षा अभियान

पश्चिम मध्य रेल, रेल यात्री सुरक्षा के साथ साथ रेलवे ट्रैक के आसपास ड्यूटी पर तैनात रेलकर्मियों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दे रहा है। यात्रियों की संरक्षित यात्रा एवं सुरक्षित तरीके से उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेल प्रशासन द्वारा संरक्षा संबंधी सभी उपायों को अपनाया जा रहा है। महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय के दिशा-निर्देशन एवं प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी के नेतृत्व में तीनों मंडलों कोटा सहित जबलपुर एवं भोपाल के रेलकर्मियों को ड्यूटी के दौरान सेफ्टी जैकेट पहनने, कार्य के दौरान हेलमेट के प्रयोग के साथ साथ सभी संरक्षा नियमों का ध्यान रखते हुए विशेष अभियान चलाकर समस्त संरक्षा नियमों को सुनिश्चित किया जा रहा है। रेलकर्मियों को नियमों की जानकारी से संबंधित पम्फलेट/ब्रोशर आदि वितरित किए जा रहे हैं। इसके अलावा मुख्यालय एवं मण्डलों पर साप्ताहिक संरक्षा समीक्षा बैठकें भी आयोजित की जा रहीं हैं। इन समीक्षा बैठकों में अवधि पार उपकरणों जैसे कि इलेक्ट्रिक लोको, एस एंड टी उपकरण, वैगन्स, ओएचई एवं सम्बंधित उपकरण इत्यादि सभी का उचित रखरखाव करने और उनकी समय रहते मरम्मत/ओवरहॉलिंग करवाने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि विफलताओं को रोका जा सके।
उल्लेखनीय है कि पमरे में बुनियादी ढांचों का उन्नयन कर कई रेलखंडों में ट्रेनों की अधिकतम गतिसीमा 130 किमी प्रतिघंटे तक कर दी है। ऐसे में सुरक्षा मानकों का पालन करवाने के उद्देश्य से संरक्षा अभियान चलाए जा रहे हैं। जिसके अंतर्गत परिचालन और एस एंड टी विभागों के अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों तथा विशेषकर लोको पायलटों और सहायक पायलटों को पॉइंट, सिगनल और इंटरलॉकिंग गियर के डिस्कनेक्शन के दौरान गाडियों के संचालन की प्रकिया के उचित कार्यान्वयन हेतु 29 अप्रैल से 05 मई 2024 तक एक विशेष संरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा स्टेशन मास्टरों एवं सहायक स्टेशन मास्टरों द्वारा स्टेशन पर ट्रेनों के परिचालन से सम्बंधित संरक्षा उपकरणों एवं रजिस्टरों में सेफ्टी डेटा जानकारियों को मैंटेनेड भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त स्टेशनों पर उपलब्ध अग्निशामक यंत्रो की समय-समय पर मॉनेटरिंग की जा रही है। पश्चिम मध्य रेल, प्रथम ऐसा जोन है जिसने भारतीय रेल पर सर्वप्रथम अपने क्षेत्राधिकार में सभी मानवरहित समपार फाटकों को बंद कर दिया है। पश्चिम मध्य रेल के क्षेत्राधिकार में अब कोई भी मानवरहित समपार फाटक नहीं हैं। सभी समपार फाटकों पर गेटमेनों की तैनाती कर दी गई है। साथ ही साथ संरक्षा एवं सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से अधिकतर समपार फाटकों की इंटरलॉकिंग कर दी गई है। इसके अलावा संरक्षित ट्रेन परिचालन के लिए समपार फाटकों पर गेटमैनों की काउंसिलिंग भी की जा रही है।पश्चिम मध्य रेल प्रशासन आम यात्रियों से अपील करता है कि कोई भी व्यक्ति रेलवे ट्रैक पार करने के लिए हमेशा पैदल पुलों का प्रयोग करें। थोड़ी सी लापरवाही से दुर्घटना हो सकती है, अतः आमजन से अपेक्षा की जाती है कि रेलवे सुरक्षा मानकों का अनुपालन करें तथा दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।

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