बारां (कोटा संभाग) 09 मई|
संवाददाता शिवकुमार शर्मा
अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए गुरूवार को बाल अधिकारिता विभाग द्वारा जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। बाल अधिकारिता विभाग सहायक निदेशक राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा पर बाल विवाह की एक अंधविश्वासी मान्यता है जिसे रोका जाना चाहिए। समाज में आज ऐसे भी लोग है जो अपने बच्चों का बाल विवाह करते है। इस बार अक्षय तृतीया 10 मई व पीपल पूर्णिमा 23 मई को है। इस दिन सभी अपने आस-पास होने वाले बाल विवाह पर नजर रखें। कहीं पर 18 साल से कम आयु की बालिका व 21 साल से कम आयु के बालक के विवाह की जानकारी होने पर चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, 112, 100 पर सूचना अवश्य दें। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ओमप्रकाश मेहता व सदस्य आफाक अहमद खान ने बताया कि आखातीज (अक्षय तृतीया) व पीपल पूर्णिमा के अवसर पर होने वाले बाल-विवाह पर सम्बंधित विभाग व जिले मे संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 निगरानी रखकर बिना विलम्ब के सम्बंधित अधिकारी व बाल कल्याण समिति सूचना कर अवगत करा सकते हैं। कार्यशाला की शुरूआत मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलन कर की गई।
बाल संरक्षण अधिकारी लोकेश सेन ने बताया कि बाल विवाह की सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। किसी का भी एक टोल फ्री कॉल बच्चों को बाल विवाह की कुप्रथा से बचा सकता है। कार्यशाला में बाल विवाह रोकथाम संबंधी पोस्टर का विमोचन किया गया। चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 समन्वयक महेश कुमार नामा ने बाल निषेध अधिनियम 2006, किशोर न्याय अधिनियम 2015, लैगिंग अपराधांे से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अनुरूप बाल-विवाह रोकने के विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर विष्णु प्रसाद सुमन व हैल्थ मैनेजर सचिन राठौर, शिशु गृह मैनेजर कीर्ति चतुर्वेदी, चाइल्ड हेल्पलाइन काउन्सलर रेखा शर्मा, कांउसलर सुरभि गौतम, जगदीश सुमन, सुरेश सेन, पुष्पा शर्मा, चन्द्रज्योति प्रजापति सहित बालक-बालिकाएं उपस्थित रहे।