संवाददाता दीपचंद शर्मा
मथुरा, 29 मई।
अखिल भारत हिन्दू महासभा के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित संजय हरियाणा ने बताया कि आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा श्री कृष्ण जन्मभूमि अवैध ईदगाह के सभी मुकदमों को जो इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा एक साथ कंसोलिडेटे जाने के आदेश के खिलाफ, मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट में उस आदेश के खिलाफ रोक लगाने के लिए, अपना पक्ष रखने पहुंचा था । सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील को नहीं माना और पिटीशन को खारिज कर दिया।पंडित संजय हरियाणा ने यह भी कहा सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में भी कहा है। कि ऐसे मुकदमों को देश हित में जल्द से जल्द से तय किए जाने की आवश्यकता है और इस पिटीशन के दौरान भी मुस्लिम पक्ष को कहा कि आप अपना पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाकर रखिए । मुकदमा को एक साथ सुने जाने से किसी प्रकार की कोई दिक्कत किसी भी पक्ष को नहीं होनी चाहिए । कारण 18 मुकदमे एक साथ कंसोलिडेटेड किए जाने से जब हिंदू पक्ष को कोई एतराज नहीं है तो मुस्लिम पक्ष बिना किसी कारण मुकदमों को टालने की दृष्टि से इस प्रकार के पिटिशन सुप्रीम कोर्ट में डालकर, मुकदमों को लंबा करना चाहता है । निश्चित रूप से यह ऐतिहासिक फैसला है और इस फैसले के पश्चात इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जल्द मुकदमे की सुनवाई होगी और मुकदमे के जल्द निस्तारण होने की उम्मीद हिंदू पक्ष को जगी है। 30 मई तारीख इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लगी हुई है। वहां भी मुस्लिम पक्ष लगातार किसी न किसी कारण ,बिना वकालतनामा लगाएं । अब तक बहस करता रहा । इस पर भी न्यायालय ने रोष जाहिर किया था कल सुनवाई होगी और नित- प्रतिदिन आजकल मुकदमे की सुनवाई चल रही है । जिससे देश ही नहीं सारे संसार के सभी सनातनियों और हिंदू पक्ष को उम्मीद है । बहुत जल्द इस मुकदमे में 7 रूल 11 की एप्लीकेशन भी खारिज होगी और इस मुकदमे में 1991 वरशिप एक्ट भी लागू और नहीं होगा, और मुकदमे में आज तक मुस्लिम पक्ष द्वारा कोई साक्षय के कागज भी प्रस्तुत नहीं कर सका है । उनके पास में ना मालिकाना हक का कोई कागज है ना किरायेदारी का कोई कागज, आज भी जमीन का मालिक ठाकुर जी है और सभी सरकारी रिकॉर्ड दस्तावेजों में नाम ठाकुर केशव देव जी ट्रस्ट का ही चला आता है । आदेश के पश्चात सभी सनातनियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। कारण सभी चाहते हैं मुकदमे का जल्द निस्तारण हो । इस फैसले के पश्चात बहुत जल्द मुकदमे को तय किए जाने की आशा भी हिंदू पक्ष को हुई है।