विश्व रक्तदाता दिवस पर अब तक 66 बार रक्तदान कर चुके हे राजेश खोईवाल

ब्यूरो चीफ़ शिवकुमार शर्मा
बूंदी (कोटा संभाग)

बूंदी के नियमित रक्तदाता राजेश खोईवाल, पिछले 8 वर्षों से चला रखी है रक्तदान की मुहिम

बूंदी, विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर स्पेशल बूंदी के नियमित रक्तदाता रक्तवीर राजेश खोईवाल,मानव सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व रक्तकोष फाउंडेशन के जिला अध्यक्ष राजेश खोईवाल ने बूंदी जिले में रक्तदान जागरूकता अभियान की निरंतर मुहिम चला रखी है रक्तदान की यह मुहिम संजीवनी बनकर जिला चिकित्सालय बूंदी में भर्ती होने वाले मरीजो को आसानी से रक्त उपलब्ध करवा कर जीवन बचा रही है
राजेश खोईवाल ने पहली बार 1994 में रक्तदान किया तब से ही निरंतर साल में दो से तीन बार रक्तदान करते आ रहे हैं खोईवाल अब तक स्वयं 66 बार रक्तदान कर चुके है,और सौ बार रक्तदान करने का रिकॉर्ड बनाकर, रक्त शतकवीर बनने की इच्छा है,खोईवाल वर्ष 2017 से मानव सेवा समिति नामक संस्था बनाकर संस्था से जुड़े कार्यकर्ताओं से प्रति दिन 1 से 3 यूनिट रक्तदान करवा कर मरीजो का जीवन बचा रहे है,और
पिछले 8 वर्षों में 50 से अधिक रक्तदान शिविर लगवा चुके हैं
और बूंदी जिले सहित प्रदेश व देश के अन्य राज्यों में भी मरीजो के लिए ऑन कॉल डोनेशन करवा कर अब तक 7 हजार यूनिट से अधिक रक्तदान करवा चुके हैं
यहां तक की कोरोना महामारी में भी राजेश खोईवाल ने स्वयं नियमित रक्तदान किया और संस्था के लोगों से भी रक्तदान व प्लाज्मा दान करवरकर 1 हजार से अधिक मरीजों का जीवन बचाया है
मानव सेवा समिति व रक्तकोष फाउंडेशन की पहल पर चलाए जा रहे रक्तदान महादान जागरूकता अभियान से राजेश खोईवाल देश-विदेश में अपनी रक्त दानवीर की पहचान बना चुके हैं, एवम
भारत के कई राज्यों और नेपाल,नाईजीरिया अल्जीरिया सहित विदेशो में भी सम्मानित हो चुके हैं
राजेश खोईवाल के रक्तदान करने के इस जज्बे से प्रेरणा लेकर कई नए नौजवान युवा रक्तदाता रक्तदान करने के लिए जागरूक हो रहे हैं
विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर राजेश खोईवाल ने बताया कि भारत सहित पूरे विश्व में मात्र एक प्रतिशत लोग ही स्वेच्छिक रक्तदान करते हैं जो की जरूरत के हिसाब से काफी कम है
रक्त की इस कमी को दूर करने के लिए मानव सेवा समिति रक्तदान जागरूकता अभियान के तहत हर-घर,रक्तदाता,
घर-घर रक्तदाता तैयार करने का अभियान शुरू करने वाले हैं
जिसके तहत प्रत्येक घर में परिवार से एक व्यक्ति को हर तीन माह में स्वेच्छिक रक्तदान करने के लिए संकल्पित किया जाएगा
शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों को रक्तदान से होने वाले फायदे बताएंगे, जैसे की रक्तदान नहीं करने वाले का खून गाढ़ा हो जाता है और हार्ट अटैक आने की संभावना बन जाती है, वही रक्तदान करने वालों को हार्ट अटैक आने की संभावना न के बराबर होती है
क्योंकि नियमित रक्तदान करने से रक्त पतला होता है
जो की हार्ट के लिए और फेफड़ों के लिए राहत प्रदान करता है
इसके अलावा रक्तदान करने पर एड्स हेपेटाइटिस जैसी कई बीमारियों की निशुल्क जांच भी हो जाती है
रक्तदाता के एक बार रक्तदान करने से तीन लोगों को जीवन दान मिलता है
एक यूनिट रक्तदान से एसडीपी, आरडीपी, व पीवीसी बनाई जाती है जो की तीन अलग अलग, मरीजों का जीवन बचाती है
रक्तदान करने के बाद हमारे शरीर में 24 घंटे में रक्त की पूर्ति हो जाती है लेकिन सेल्स बनने में 3 माह का समय लगता है इसलिए डॉक्टर हमें हर तीन माह में रक्तदान करने की सलाह देते हैं
बीपी शुगर वाले लोग अक्सर रक्तदान करने से कतराते हैं लेकिन अगर बीपी सुगर कंट्रोल में हो तो वह भी रक्तदान कर सकते हैं
रक्तदान क्यों जरूरी है

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का जीवन बचाने के लिए महीने में एक या किसी को दो बार रक्त चढ़ाना जरूरी होता है
तभी जाकर वह पूरा जीवन जी पाते हैं या यूं कहें कि रक्तदाता के ऊपर ही थैलेसीमिया बच्चों का जीवन आश्रित होता है
इसके अलावा दुर्घटना में गंभीर घायल हुए घायलों का जीवन बचाने के लिए आवश्यकता होने पर एक मरीज को 1 से 4 यूनिट तक रक्त चढाया जाता है
और आजकल गर्भवती महिलाओं में रक्त की कमी होना आम बात हो गई है इसलिए मासूम बच्चे व गर्भवती माता का जीवन बचाने के लिए भी रक्तदान एक संजीवनी का काम कर रहा है
दुनिया में रक्त से बड़ा कोई दान नहीं है इसलिए चाहे शादी समारोह हो वैवाहिक वर्षगांठ को जन्मदिन हो या कोई त्यौहार हो हर किसी के मौके पर आत्म संतुष्टि के लिए रक्तदान जरुर करना चाहिए
रक्तदान कर किसी अनजान का जीवन बचा कर मनाई गई खुशी या त्योहार से बड़ा कोई पुनीत कार्य नहीं हो सकता है

पिछले 8 वर्षों से चला रखी है रक्तदान की मुहिम,

बूंदी, विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर स्पेशल बूंदी के नियमित रक्तदाता रक्तवीर राजेश खोईवाल,मानव सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व रक्तकोष फाउंडेशन के जिला अध्यक्ष राजेश खोईवाल ने बूंदी जिले में रक्तदान जागरूकता अभियान की निरंतर मुहिम चला रखी है
रक्तदान की यह मुहिम संजीवनी बनकर जिला चिकित्सालय बूंदी में भर्ती होने वाले मरीजो को आसानी से रक्त उपलब्ध करवा कर जीवन बचा रही है
राजेश खोईवाल ने पहली बार 1994 में रक्तदान किया तब से ही निरंतर साल में दो से तीन बार रक्तदान करते आ रहे हैं खोईवाल अब तक स्वयं 66 बार रक्तदान कर चुके है,और सौ बार रक्तदान करने का रिकॉर्ड बनाकर, रक्त शतकवीर बनने की इच्छा है,खोईवाल वर्ष 2017 से मानव सेवा समिति नामक संस्था बनाकर संस्था से जुड़े कार्यकर्ताओं से प्रति दिन 1 से 3 यूनिट रक्तदान करवा कर मरीजो का जीवन बचा रहे है,और
पिछले 8 वर्षों में 50 से अधिक रक्तदान शिविर लगवा चुके हैं
और बूंदी जिले सहित प्रदेश व देश के अन्य राज्यों में भी मरीजो के लिए ऑन कॉल डोनेशन करवा कर अब तक 7 हजार यूनिट से अधिक रक्तदान करवा चुके हैं
यहां तक की कोरोना महामारी में भी राजेश खोईवाल ने स्वयं नियमित रक्तदान किया और संस्था के लोगों से भी रक्तदान व प्लाज्मा दान करवरकर 1 हजार से अधिक मरीजों का जीवन बचाया है
मानव सेवा समिति व रक्तकोष फाउंडेशन की पहल पर चलाए जा रहे रक्तदान महादान जागरूकता अभियान से राजेश खोईवाल देश-विदेश में अपनी रक्त दानवीर की पहचान बना चुके हैं, एवम
भारत के कई राज्यों और नेपाल,नाईजीरिया अल्जीरिया सहित विदेशो में भी सम्मानित हो चुके हैं
राजेश खोईवाल के रक्तदान करने के इस जज्बे से प्रेरणा लेकर कई नए नौजवान युवा रक्तदाता रक्तदान करने के लिए जागरूक हो रहे हैं
विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर राजेश खोईवाल ने बताया कि भारत सहित पूरे विश्व में मात्र एक प्रतिशत लोग ही स्वेच्छिक रक्तदान करते हैं जो की जरूरत के हिसाब से काफी कम है
रक्त की इस कमी को दूर करने के लिए मानव सेवा समिति रक्तदान जागरूकता अभियान के तहत हर-घर,रक्तदाता,
घर-घर रक्तदाता तैयार करने का अभियान शुरू करने वाले हैं
जिसके तहत प्रत्येक घर में परिवार से एक व्यक्ति को हर तीन माह में स्वेच्छिक रक्तदान करने के लिए संकल्पित किया जाएगा
शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों को रक्तदान से होने वाले फायदे बताएंगे, जैसे की रक्तदान नहीं करने वाले का खून गाढ़ा हो जाता है और हार्ट अटैक आने की संभावना बन जाती है, वही रक्तदान करने वालों को हार्ट अटैक आने की संभावना न के बराबर होती है
क्योंकि नियमित रक्तदान करने से रक्त पतला होता है
जो की हार्ट के लिए और फेफड़ों के लिए राहत प्रदान करता है
इसके अलावा रक्तदान करने पर एड्स हेपेटाइटिस जैसी कई बीमारियों की निशुल्क जांच भी हो जाती है
रक्तदाता के एक बार रक्तदान करने से तीन लोगों को जीवन दान मिलता है
एक यूनिट रक्तदान से एसडीपी, आरडीपी, व पीवीसी बनाई जाती है जो की तीन अलग अलग, मरीजों का जीवन बचाती है
रक्तदान करने के बाद हमारे शरीर में 24 घंटे में रक्त की पूर्ति हो जाती है लेकिन सेल्स बनने में 3 माह का समय लगता है इसलिए डॉक्टर हमें हर तीन माह में रक्तदान करने की सलाह देते हैं
बीपी शुगर वाले लोग अक्सर रक्तदान करने से कतराते हैं लेकिन अगर बीपी सुगर कंट्रोल में हो तो वह भी रक्तदान कर सकते हैं
रक्तदान क्यों जरूरी है

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का जीवन बचाने के लिए महीने में एक या किसी को दो बार रक्त चढ़ाना जरूरी होता है
तभी जाकर वह पूरा जीवन जी पाते हैं या यूं कहें कि रक्तदाता के ऊपर ही थैलेसीमिया बच्चों का जीवन आश्रित होता है
इसके अलावा दुर्घटना में गंभीर घायल हुए घायलों का जीवन बचाने के लिए आवश्यकता होने पर एक मरीज को 1 से 4 यूनिट तक रक्त चढाया जाता है
और आजकल गर्भवती महिलाओं में रक्त की कमी होना आम बात हो गई है इसलिए मासूम बच्चे व गर्भवती माता का जीवन बचाने के लिए भी रक्तदान एक संजीवनी का काम कर रहा है
दुनिया में रक्त से बड़ा कोई दान नहीं है इसलिए चाहे शादी समारोह हो वैवाहिक वर्षगांठ को जन्मदिन हो या कोई त्यौहार हो हर किसी के मौके पर आत्म संतुष्टि के लिए रक्तदान जरुर करना चाहिए
रक्तदान कर किसी अनजान का जीवन बचा कर मनाई गई खुशी या त्योहार से बड़ा कोई पुनीत कार्य नहीं हो सकता है

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