कोटा: पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नगरीय निकायों में निकायवार रिक्त सफाई कर्मचारियों के पदों की सीधी में अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त को अव्यावहारिक बताया।
गुंजल ने कहा कि भर्ती हेतु जारी परिपत्र में सफाई कर्मचारी हेतु नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका में ही काम करने का जो अनुभव प्रमाण पत्र मांगा गया है वह अव्यावहारिक है। उन्होने कहा कि वाल्मीकि समाज के हजारों लोगों में कितने लोगों को नगरीय निकायों में संविदा, निविदा पर काम पर लिया जाता है। साथ ही झाड़ू लगाने जैसे काम के लिए यह कहां तक व्यवहारिक है की नगरीय निकायों का ही अनुभव प्रमाण पत्र मान्य होगा।
गुंजल ने कहा कि वाल्मीकि समाज के गरीब लोग अन्य राजकीय विभागों में संविदा पर, निजी अस्पतालों, होटलो, दुकानों, मेसो यहां तक की गरीब अपनी आजीविका चलाने के लिए 20-20 घरों में 300 रुपए महीने में शौचालय साफ करने तक का काम करते हैं। गुंजल ने मांग की कि इस भर्ती में सफाई कर्मचारियों का नगरीय निकायों के अलावा अन्य राजकीय विभागों, अस्पतालों, होटलो, दुकानों, मेसो सहित निजी घरों का भी अनुभव प्रमाण पत्र मान्य होना चाहिए अथवा इस अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त को अविलंभ हटाया जाना चाहिए साथ यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इसमें वाल्मीकि समाज के लोगों की ही अधिक से अधिक भर्ती हो।
गुंजल ने कहा कि मुख्यमंत्री वाल्मीकि समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त पर पुनः विचार करे व उचित निर्णय होने तक आवदेन की अंतिम तिथि को निर्णय होने के एक सप्ताह बाद तक आगे बढ़ाये।
ब्यूरो चीफ़ शिव कुमार शर्मा
कोटा राजस्थान