जिला प्रशासन के नवाचार ‘प्रोजेक्ट श्रम सम्बल’ और ‘पालनहार विशेष अभियान’ के तहत लाभार्थी उत्सव का हुआ आयोजन
क्षमता संवर्धन कार्यक्रम का शुभारंभ : स्कूली बच्चों से राजसमंद विधायक, जिला कलक्टर और एसपी ने किया संवाद
राजसमंद 14 नवंबर। गुरुवार को जिला प्रशासन के तीन प्रोजेक्ट जिले में एक साथ साकार होते दिखे। राजसमंद विधायक श्रीमती दीप्ति माहेश्वरी के मुख्य आतिथ्य में पीएमश्री जेएनवी परिसर में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में जहां एक ओर जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के नवाचार ‘प्रोजेक्ट श्रम सम्बल’ और ‘पालनहार विशेष अभियान’ के तहत पात्र बच्चों को लाभान्वित किया गया, तो वहीं ‘क्षमता संवर्धन कार्यक्रम’ का भी शुभारंभ हुआ। एसपी मनीष त्रिपाठी सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम एक साथ बड़ी संख्या में बच्चों को ‘निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना’ में स्कॉलरशिप और पालनहार योजना में आर्थिक सहायता के प्रमाण पत्र सौंप कर लाभान्वित किया गया जिसके बाद बच्चों के चेहरे भी खिल उठे। साथ ही क्षमता संवर्द्धन कार्यक्रम के तहत सामान्य ज्ञान पर आधारित पुस्तिका का विमोचन-वितरण हुआ और विधायक दीप्ति माहेश्वरी, जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा और एसपी मनीष त्रिपाठी ने बच्चों से करियर और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर संवाद किया।
प्रोजेक्ट श्रम संबल के तहत निर्माण श्रमिकों के बच्चे लाभान्वित :
जिला कलक्टर के निर्देशन में शुरू किए गए ‘प्रोजेक्ट श्रम संबल’ के तहत मिशन मोड पर ‘निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना’ से श्रमिकों के बच्चों को जोड़ने का कार्य किया। इस अभियान की सफलता में शिक्षा, ग्रामीण विकास और श्रम विभाग के अधिकारियों ने 24 घंटे तन्मयता से जुट कर अधिकाधिक प्रगति सुनिश्चित की। यह अभियान प्राथमिक तौर पर ग्राम एमड़ी, भाणा से शुरू किया था, फिर इसे जिले के अंतिम छोर तक ले जाया जाए।
जिले में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 31 मार्च 2024 तक योजना के अंतर्गत सिर्फ 570 बच्चों के आवेदन स्वीकृत कर 52 लाख की छात्रवृति स्वीकृत की गई थी। लेकिन प्रोजेक्ट श्रम संबल के तहत इस वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2024 से गुरुवार तक 4112 आवेदन स्वीकृत कर 3.80 करोड़ रुपए छात्रवृति की स्वीकृत जारी की जा चुकी है। यह आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है।
जिला स्तरीय कार्यक्रम में कई बच्चों निर्मला, खुशबू, रेखा, चेतना, कुलदीप, राहुल, तरुणा, हंसिका, हर्षित और रेशमा सहित जिले के अलग-अलग हिस्सों से आए अन्य बच्चों को योजना के तहत पंजीकृत होने का प्रमाण पत्र सौंप कर लाभान्वित किया गया।
दरअसल भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल राजस्थान द्वारा निर्माण श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा सहायता प्रदान करने हेतु “निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना” संचालित की जाती है। इस योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिक के अधिकतम दो बच्चों को पात्रता अनुसार कक्षा छह उत्तीर्ण करने के पश्चात स्नातकोत्तर तक छात्रवृति की राशि प्रदान की जाती है।
योजना प्रारूप के अनुसार पात्र बच्चे 6वीं कक्षा से लेकर उच्च कक्षा (आईटीआई, डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर) तक की पढ़ाई करने वाले बच्चे छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करके योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना में वार्षिक प्रति पात्र बच्चे को वर्गीकरण अनुसार 8000 हजार से लेकर 17000 रुपए तक की स्कॉलरशिप का प्रावधान है।
अभियान में निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना से वंचित श्रमिकों के बच्चों को जोड़ने को लेकर मिशन मोड पर निरंतर कार्य किया गया। शिक्षा विभाग की ओर से सर्वे कर वंचित एवं पात्र श्रमिकों के बच्चों के आवेदन फ़ॉर्म भरवाए गए, ग्रामीण विकास एवं पंचायातीराज विभाग के माध्यम से श्रमिक का नियोजक प्रमाण पत्र जारी किया गया, नरेगा हाजरी तैयार करवा कर ई मित्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करवाए गए और श्रम विभाग द्वारा इन्हें स्वीकृत किया गया, जो निरंतर जारी है।
पालनहार विशेष अभियान में अनाथ और पात्र बच्चों को मिला सहारा :
जिला कलक्टर के निर्देशन में ‘पालनहार विशेष अभियान’ भी शुरू किया जो जरूरमंद, अनाथ और बेसहारा बच्चों के प्रति एक विशेष उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। जिले में पालनहार योजना को पूरी मजबूती के साथ लागू किया जा रहा है, ताकि समाज के इन वंचित वर्गों तक सरकार की हर संभव सहायता पहुंच सके। ताकि इन बच्चों को न केवल आर्थिक सहायता मिले बल्कि उन्हें उचित देखभाल और संरक्षण भी प्राप्त हो, जिससे वे एक सुरक्षित और उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकें।
कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के रमेश, निर्मला, मोनिका, पुष्पा, नारायण, उदयलाल, मनीषा कुँवर, प्रिया कुँवर, सुगना, चेतना, पूनम, सोनाक्षी आदि को अतिथियों ने पालनहार योजना में पंजीकृत होने के प्रमाण पत्र सौंपे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग उप निदेशक जय प्रकाश चारण ने बताया कि 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक के बीच 301 पालनहार स्वीकृत कर कुल 538 बच्चों को लाभान्वित किया गया था। जबकि इस अभियान के अंतर्गत प्रशासन ने केवल डेढ़ माह, यानि 1 अक्टूबर से 13 नवंबर शाम तक, 381 से अधिक नए पालनहार स्वीकृत किए गए हैं, जिससे 656 अतिरिक्त बच्चों को योजना का लाभ मिला है, इस आँकड़े को निरंतर आगे बढ़ाने को लेकर प्रशासन प्रतिबद्ध हैं ताकि एक भी पात्र बच्चा योजना से वंचित न रहे।
पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार या परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।
योजना के तहत अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने, नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने, पुनर्विवाहित विधवा माता की संतान, एड्स पीड़ित माता-पिता की संतान, कुष्ठ रोग से पीडित माताध्यिता की संतान, विकलांग माता-पिता की संतान, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की संतान पात्र हैं।
अनाथ बच्चों की श्रेणी में 6 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 2500 रुपए प्रतिमाह लाभ लाभ मिल रहा है। ऐसे ही अन्य श्रेणी के बच्चों को 6 वर्ष तक 750 रुपए, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह लाभ का लाभ दिया जाता है।
क्षमता संवर्धन कार्यक्रम के तहत किया बच्चों से संवाद :
क्षमता संवर्धन कार्यक्रम शुभारंभ करते हुए राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा और एसपी मनीष त्रिपाठी ने यहाँ विभिन्न विद्यालयों के आए ग्रामीण अंचल के बच्चों से उनके करियर को लेकर संवाद किया। कुछ बच्चों ने आईएएस तो कुछ ने आईपीएस, तो कुछ ने डॉक्टर और इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर की। इस पर विधायक, कलक्टर और एसपी ने उन्हें गाइडेंस दिया और भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने बच्चों से संवाद करते हुए अपने जीवन और करियर के कई अनुभव साझा किए। उन्होंने प्रथम बार विधायक बनने से लेकर अब तक के सफर और इस बीच अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जीवन में कोई भी काम मुश्किल नहीं है। उन्होंने मंच पर बोलने से घबराने वाले बच्चों का भी डर दूर किया और करियर को लेकर गाइडेंस दिया। इसी तरह जिला कलक्टर असावा और एसपी त्रिपाठी ने भी बच्चों से संवाद कर प्रेरित किया।
जिला कलक्टर ने राउमावि धोइन्दा की कक्षा 11 वीं की छात्रा नीलू कुमावत, 12वीं के देवेन्द्र सिंह, 10वीं की नीतू कुमावत, नवोदय 11वीं की भाविका बैरागी ने संवाद करते हुए करियर पर गाइडेंस लिया। एसपी ने बच्चों को डिजिटल वर्ल्ड के अपराध, साइबर अपराध, साइबर बुलिंग, साइबर अरेस्ट आदि की जानकारी देते हुए सावधानी बरतने और कोई भी अपराध होने पर पुलिस को सूचित करने की बात कही। उन्होंने शिक्षकों से भी उच्च स्तर के शब्द, भाषा, आचरण को उपयोग में लाने की अपील की।
अंत में बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी संबंधी पुस्तिका का विमोचन कर सभी में वितरण किया गया। जिला कलक्टर ने कहा कि प्रशासन वंचित वर्गों के सर्वांगीण कल्याण हेतु निरंतर प्रतिबद्धता से कार्य करता रहेगा।
पदभार संभालते ही असावा ने नवाचारों को किया लागू :
आईएएस बालमुकुंद असावा ने 25 सितंबर को राजसमंद जिला कलक्टर का पदभार ग्रहण किया था और पहले दिन से ही समाज के हर तबके को सरकारी योजनाओं में शत प्रतिशत लाभान्वित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर काम किया।
एक ओर जहां विशाल स्वच्छता अभियान, प्रोजेक्ट सक्षम सखी का आयोजन किया तो वहीं श्रमिकों के बच्चों हेतु प्रोजेक्ट श्रम संबल, अनाथ बच्चों के लिए पालनहार विशेष अभियान और अब बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए क्षमता संवर्धन कार्यक्रम शुरू किया। कुछ ही दिनों में जिले में इन प्रयासों से सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं ।