अलवर, जिले की पहाडियों से निकलने वाली रूपारेल नदी के उद्गम स्थल उदयनाथ का प्रकृतिक सौंदर्य अनौखा है । यहां विभिन्न तरह की वनऔषधियों के साथ कई तरह के पेड पौधे मन को आनंदित करने वाला माहौल बनाते हैं । द इंडियन फाउंडेशन के अध्यक्ष गणेश दत्त शर्मा ने बताया की यहां स्थित आश्रम की पहल पर कई हजार वट वृक्ष एवं पीपल के पौधे लगाये गये है । जो निरंतर विकसित होकर अरावली की पहाडियों के बीच लहलहाने को तत्पर है। आश्रम के आसपास बडी संख्या में कई बडे बरगद अपनी छाया में पशु-पक्षियों के साथ श्रद्धालुओं को आश्रय देकर शांति का अहसास करवाते हैं । शर्मा ने बताया की उनके सहयोगी संस्थान ग्रामोदय सामाजिक संस्थान के प्रयासों से रूपारेल के बहाव क्षेत्र में एनीकट बनाया गया है । इसका अवलोकन करते हुये विदेशी मेहमान आर्थर ने जल संरक्षण एवं भूमिगत जल स्तर को बढाने के लिये इस संरचना को उपयोगी बताया । इस अवसर पर जी एस एस के अध्यक्ष केदार श्रीमाल ने बताया की इस एनीकट को बनाने से पहले इस क्षेत्र में भूजल स्तर काफी नीचे चला गया था लेकिन अब पहले की तुलना में काफी ऊपर आ गया है। श्रीमाल ने बताया की रूपारेल नदी के बहाव क्षेत्र में आसपास जल संरक्षण के लिये कई संरचनाये तैयार करवाई गई हैं इनसे संबंधित स्थानीय जन प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, वन विभाग के अधिकारियों का पूरा सहयोग मिलता रहा है । थानागाजी के नजदीक स्थित भरतरी मंदिर के पास राडी में चालीस हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया है । जी एस एस के वृक्षारोपण कार्य में शामिल राजेंद्र ने बताया कि ये पेड द इंडियन फाउंडेशन द्वारा राज्य में चलाई जा रही मुहीम ‘एक पेड मां एवं एक पेड गौ मां के नाम ‘ को समर्पित किये गये हैं । पवन सिंघल ने संस्था द्वारा किये गये वृक्षारोपण एवं इनकी देखरेख की समूचित व्यवस्था के लिये केदार श्रीमाल की टीम की प्रशंसा की । रोपित पौधा का अवलोकन करते हुये विदेशी मेहमान आर्थर एवं इंडियन फाउंडेशन प्रतिनिधी आर के शर्मा ने पौधों के प्रकार, रोपण के तरीके एवं देखरेख की व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की । गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में स्थानीय सरपंच द्वारा साफा माला पहनाकर स्वागत किया गया ।
ब्यूरो चीफ दीपचंद शर्मा