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खींवसर सीट स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की दांव पर लगी थी प्रतिष्ठा, क्या बेनिवाल का प्रभाव खत्म…

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 6 सीटों पर जीत दर्ज कर स्पष्ट बढ़त हासिल की, जबकि भारतीय आदिवासी समाज पार्टी ने 1 सीट अपने नाम की। कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) को निराशा हाथ लगी।

खींवसर सीट पर प्रतिष्ठा का सवाल

राजस्थान की नागौर जिले की खींवसर सीट पर बीजेपी की जीत ने न केवल पार्टी की प्रतिष्ठा बचाई बल्कि राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की साख भी दांव पर लगी हुई थी। इस सीट पर बीजेपी ने रेवंत राम डांगा को उम्मीदवार बनाया था, जिन्होंने कांग्रेस के रतन चौधरी और आरएलपी की कनिका बेनीवाल को हराकर जीत हासिल की।

मंत्री की चुनौती और अंतिम क्षणों का रोमांच

चुनाव प्रचार के दौरान मंत्री गजेंद्र सिंह ने ऐलान किया था कि अगर बीजेपी यह सीट हार गई, तो वे अपनी मूंछें और बाल कटवा देंगे। प्रारंभिक दौर में आरएलपी मजबूत स्थिति में थी, लेकिन अंतिम चार राउंड में बीजेपी ने बाजी पलट दी। बीजेपी की जीत से मंत्री गजेंद्र सिंह को अपनी मूंछें बचाने का मौका मिला।

हनुमान बेनीवाल की रणनीति विफल

यह सीट हनुमान बेनीवाल के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। उन्होंने अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को आरएलपी के टिकट पर उतारा था, लेकिन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

राजनीतिक समीकरण

बीजेपी की यह जीत आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों को मजबूती देगी। वहीं कांग्रेस को अपने प्रदर्शन पर आत्ममंथन करना होगा। इन नतीजों ने राजस्थान की राजनीति में नए समीकरण बनाने के संकेत दिए हैं।

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