न्यूजीलैंड के हाथों 3-0 की हार के बाद भारतीय टीम की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में जगह बनाने की उम्मीदें धूमिल हो चुकी थीं। लेकिन जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में टीम इंडिया ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त देकर न केवल बदला लिया बल्कि डब्ल्यूटीसी पॉइंट टेबल में शीर्ष स्थान भी हासिल कर लिया। भारत ने यह जीत 295 रनों के बड़े अंतर से दर्ज की, जिससे ऑस्ट्रेलिया दूसरे स्थान पर खिसक गया।
कैसे बदली पॉइंट टेबल की तस्वीर
पर्थ टेस्ट से पहले भारत डब्ल्यूटीसी पॉइंट टेबल में 58.33% विनिंग पर्सेंट के साथ दूसरे स्थान पर था। वहीं, ऑस्ट्रेलिया 62.50% अंकों के साथ पहले स्थान पर काबिज था। लेकिन पर्थ टेस्ट की जीत के बाद भारत का विनिंग प्रतिशत बढ़कर 61.11 हो गया, जबकि ऑस्ट्रेलिया 57.69% के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गया।
अन्य टीमें, जैसे श्रीलंका (55.56%), न्यूजीलैंड (54.55%), और दक्षिण अफ्रीका (54.17%) अभी भी रेस में हैं। ये तीनों टीमें अपनी घरेलू सीरीज में बेहतर प्रदर्शन करके भारत और ऑस्ट्रेलिया को चुनौती दे सकती हैं।
डब्ल्यूटीसी फाइनल की रेस में भारत की रणनीति
डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने के लिए भारत का सबसे सुरक्षित रास्ता यही है कि वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज करे। यदि भारत सीरीज को 3-0, 3-1, या 4-1 से जीतता है, तो वह सीधा फाइनल में जगह बना लेगा। हालांकि, यदि सीरीज 2-2 से ड्रॉ होती है या भारत 2-1 के अंतर से जीतता है, तो अन्य टीमों के प्रदर्शन के आधार पर समीकरण तय होंगे।
अगर सीरीज ड्रॉ होती है, तो भारत को श्रीलंका, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के प्रदर्शन पर निर्भर रहना होगा। खासकर, न्यूजीलैंड की इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज और दक्षिण अफ्रीका के घरेलू मुकाबले भारत की स्थिति पर असर डाल सकते हैं।
बुमराह की कप्तानी में चमकी टीम इंडिया
जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है। उनके नेतृत्व में तेज गेंदबाजी आक्रमण ने पर्थ में इतिहास रच दिया। बुमराह ने इस मैच में कुल 8 विकेट झटके, जिससे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को पस्त होना पड़ा। उनके साथ मोहम्मद सिराज और राणा ने भी बेहतरीन गेंदबाजी की।
डब्ल्यूटीसी फाइनल की रेस: अब क्या?
फरवरी 2025 तक डब्ल्यूटीसी फाइनल की दौड़ जारी रहेगी। उस दौरान श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज महत्वपूर्ण होगी। यदि भारत को सीरीज में बढ़त मिलती है, तो उसकी स्थिति मजबूत हो जाएगी। लेकिन अगर श्रीलंका या न्यूजीलैंड अपने आगामी मुकाबले क्लीन स्वीप करते हैं, तो समीकरण बदल सकते हैं।
निष्कर्ष
पर्थ में मिली जीत ने भारतीय टीम को न केवल आत्मविश्वास दिया बल्कि डब्ल्यूटीसी फाइनल की उम्मीदों को भी जिंदा रखा। हालांकि, अन्य टीमों के प्रदर्शन पर नजर रखना अभी भी जरूरी है। भारत के लिए यह सीरीज निर्णायक साबित होगी, और टीम को अपनी स्थिति को पुख्ता करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़नी होगी।