अडानी ग्रुप की मुश्किलें बढ़ीं: आंध्र सरकार द्वारा कॉन्ट्रैक्ट की समीक्षा और तेलंगाना ने डोनेशन ठुकराया

भारत के बड़े कारोबारी समूह, अडानी ग्रुप की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने ग्रुप से जुड़े एक पावर सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट की समीक्षा शुरू की है, जिसमें रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह कॉन्ट्रैक्ट पिछली सरकार के दौरान दिया गया था। इसके अलावा, तेलंगाना सरकार ने अडानी ग्रुप द्वारा प्रस्तावित 100 करोड़ रुपये का डोनेशन ठुकरा दिया है।

आंध्र प्रदेश: रिश्वतखोरी के आरोप और कॉन्ट्रैक्ट की जांच

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश सरकार ने अडानी ग्रुप के पावर सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट की जांच शुरू की है। सरकार यह पता लगा रही है कि क्या इस अनुबंध को रद्द किया जा सकता है। वित्त मंत्री पी. केशव ने कहा कि राज्य की पिछली सरकार के समय दिए गए सभी कॉन्ट्रैक्ट की गहन समीक्षा की जा रही है।

इस पावर सप्लाई डील पर रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप हैं। अमेरिकी अभियोजकों के अनुसार, अडानी ग्रुप ने 2021-22 के बीच विभिन्न भारतीय राज्यों में सोलर पावर सप्लाई अनुबंध हासिल करने के लिए करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी। इनमें से 228 मिलियन डॉलर की रिश्वत आंध्र प्रदेश के एक सरकारी अधिकारी को दी गई थी। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को आधारहीन बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है।

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया 100 करोड़ का डोनेशन

तेलंगाना सरकार ने अडानी ग्रुप की ओर से यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी को दिए जाने वाले 100 करोड़ रुपये के डोनेशन को अस्वीकार कर दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने स्पष्ट किया कि वह किसी विवादास्पद डोनेशन को स्वीकार करने के पक्ष में नहीं हैं।

रेड्डी ने कहा, “कई कंपनियों ने इस यूनिवर्सिटी को फंड दिया है। हालांकि, अडानी ग्रुप का डोनेशन स्वीकार करना विवाद पैदा कर सकता है। हमने उन्हें सूचित कर दिया है कि हम यह डोनेशन नहीं लेंगे।”

शेयर बाजार में गिरावट

इन विवादों का असर अडानी ग्रुप के शेयर बाजार प्रदर्शन पर भी पड़ा है। लगातार दूसरे दिन ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में छह प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस और अडानी टोटल गैस के शेयर दो प्रतिशत नीचे चले गए।

इसके अलावा, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर और अडानी विल्मर जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयर भी एक से दो प्रतिशत तक गिरे।

अडानी ग्रुप के लिए बढ़ती चुनौतियां

अडानी ग्रुप हाल के महीनों में कई विवादों का सामना कर रहा है। विदेशी निवेशकों के आरोपों से लेकर घरेलू स्तर पर कॉन्ट्रैक्ट में गड़बड़ी और रिश्वतखोरी के मामले ग्रुप के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन विवादों का अडानी ग्रुप की साख पर बड़ा असर पड़ सकता है। हालांकि, ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह सभी मामलों में पारदर्शिता और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करता है।

निष्कर्ष

आंध्र प्रदेश सरकार की जांच और तेलंगाना सरकार के डोनेशन अस्वीकार करने के फैसले ने अडानी ग्रुप की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। शेयर बाजार में गिरावट और विवादों का सिलसिला जारी है। अब देखना यह है कि अडानी ग्रुप इन आरोपों से कैसे निपटता है और अपनी साख को दोबारा स्थापित करने में कितना सफल होता है।

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