महाराष्ट्र की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच खींचतान अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने का फैसला लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि सीएम पद का मसला बुधवार शाम तक सुलझा लिया जाएगा।
फडणवीस पर मुहर, शुक्रवार को विधायक दल की बैठक
बीजेपी ने शुक्रवार को मुंबई में विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें देवेंद्र फडणवीस के नाम पर औपचारिक मुहर लगाई जाएगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को इस प्रक्रिया के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। सरकार गठन का प्रारूप भी तैयार हो चुका है, जिसमें बीजेपी को 20, शिवसेना को 12, और अजित पवार गुट को 10 मंत्रालय दिए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, पवार गुट को ऊर्जा मंत्रालय जैसे अहम विभाग दिए जाएंगे।
शिंदे ने ठुकराया डिप्टी सीएम पद
एकनाथ शिंदे, जो विधानसभा चुनाव में महायुति के चेहरे रहे, ने सरकार में डिप्टी सीएम बनने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि चुनाव उनकी अगुआई में लड़ा गया था और वह सीएम पद के वास्तविक हकदार हैं। इस बीच, शिंदे और फडणवीस के समर्थकों ने सोशल मीडिया और मुंबई-पुणे में पोस्टरबाजी शुरू कर दी है।
बिहार मॉडल पर बीजेपी का इनकार
शिवसेना ने बिहार पैटर्न को लागू करने की मांग उठाई थी, जहां कम सीटें जीतने के बावजूद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया गया था। शिवसेना सांसद नरेश महास्के ने कहा कि महाराष्ट्र में भी ऐसा ही होना चाहिए। हालांकि, बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया कि महाराष्ट्र में बिहार मॉडल लागू नहीं होगा। बीजेपी ने 132 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की है और वह सीएम पद किसी अन्य पार्टी को नहीं सौंपेगी।
शिवसेना और एनसीपी को अहम विभाग
बीजेपी ने शिवसेना और अजित पवार गुट को मंत्रिमंडल में प्रभावशाली विभाग देने का वादा किया है। सूत्रों का कहना है कि शिवसेना को गृह और परिवहन जैसे विभाग दिए जा सकते हैं।
शाह-मोदी का सख्त संदेश
शिवसेना की दबाव की राजनीति से बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व, खासकर अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि गठबंधन में कोई भी पार्टी बीजेपी के फैसले को चुनौती न दे।
भव्य शपथ ग्रहण की योजना
बीजेपी ने शिवाजी पार्क में भव्य शपथ ग्रहण समारोह की योजना बनाई है, जिससे विपक्षी दलों को एक बड़ा संदेश दिया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव परिणाम के बाद से ही बीजेपी के सरकार बनाने की संभावना पर भरोसा जता चुके हैं। अब देखना यह है कि गठबंधन के इन समीकरणों के बीच सरकार गठन कितनी सहजता से होता है। महाराष्ट्र की नई सरकार न केवल राज्य के लिए, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी कई संदेश छोड़ने वाली है।