ब्रासीलिया: भारत और ब्राजील के बीच रक्षा सहयोग नए आयाम पर पहुंचने की तैयारी में है। दोनों देश जल्द ही बड़े रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, जिनमें भारत के स्वदेशी उत्पादों की खरीद और तकनीकी साझेदारी शामिल है। इस डील से भारत को अपने हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहक मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, ब्राजील भारत से आकाश मिसाइल सिस्टम खरीदने की योजना पर विचार कर रहा है। वहीं, भारत ब्राजील के सी-390 मिलेनियम मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के बड़े ऑर्डर की संभावना तलाश रहा है।
द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का विस्तार
भारत और ब्राजील ने हाल के वर्षों में रक्षा और एयरोस्पेस में सहयोग बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। ब्राजील की विमान निर्माता कंपनी एम्ब्रेयर भारतीय वायुसेना को सी-390 मिलेनियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की पेशकश कर रही है, जबकि भारत ब्राजील को अपने स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान और सतह से हवा में मार करने वाले आकाश मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति के लिए तैयार है।
8-9 दिसंबर को भारतीय रक्षा प्रतिनिधिमंडल ब्राजील के साओ जोस डॉस कैम्पोस में होने वाले रक्षा उद्योग संवाद (डीआईडी) में भाग लेगा। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच अरबों डॉलर के रक्षा सौदे की संभावना है। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग की इच्छा जताई थी।
तेजस और आकाश मिसाइल पर ब्राजील की नजर
ब्राजील की वायुसेना तेजस को अपनी बेड़े में शामिल करने की योजना बना रही है। इस खरीदारी से भारत के रक्षा निर्यात को नई दिशा मिलेगी। साथ ही, ब्राजील आकाश मिसाइल सिस्टम पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है। यह मिसाइल सिस्टम सतह से हवा में मार करने की क्षमता रखता है और ब्राजील के सैन्य प्रमुख जनरल टॉमस मिगुएल माइन रिबेरो पाइवा ने इसे “सरकार-से-सरकार” समझौते के तहत खरीदने की इच्छा जताई है।
सी-390 मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में भारत की दिलचस्पी
भारतीय वायुसेना अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ब्राजील के सी-390 मिलेनियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के ऑर्डर पर विचार कर रही है। यह विमान लॉजिस्टिक ऑपरेशन और सैन्य परिवहन के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प माना जा रहा है। इसके अलावा, दोनों देश सी-390 के भारत में स्थानीय उत्पादन की संभावना पर भी चर्चा कर सकते हैं।
संयुक्त हथियार निर्माण की पहल
भारत और ब्राजील के बीच रक्षा उत्पादन में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से संयुक्त हथियार निर्माण की योजना पर भी काम हो रहा है। ब्राजील ने भारत के साथ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के रखरखाव में सहयोग की संभावनाएं तलाशने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, जिंदल डिफेंस और ब्राजील की टॉरस आर्म्स के बीच छोटे हथियार निर्माण के लिए समझौता भी हुआ है।
रणनीतिक सहयोग से आर्थिक लाभ
इन रक्षा सौदों से दोनों देशों को न केवल सामरिक मजबूती मिलेगी बल्कि आर्थिक लाभ भी होगा। ब्राजील की कोशिश है कि वह भारत के साथ साझेदारी कर लैटिन अमेरिकी देशों के लिए हथियारों का निर्माण करे। वहीं, भारत अपनी स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थापित करना चाहता है।
भविष्य की संभावनाएं
तेजस और आकाश मिसाइल सिस्टम जैसे स्वदेशी उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बिक्री से भारत का रक्षा निर्यात बढ़ेगा। वहीं, ब्राजील को आधुनिक हथियार प्रणाली और तकनीकी विशेषज्ञता हासिल होगी। दोनों देशों के बीच यह सहयोग वैश्विक रक्षा बाजार में उनकी स्थिति को मजबूत करेगा और आर्थिक लाभ को साझा करने का अवसर प्रदान करेगा।