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किरोड़ी मीणा का शायराना हमला: सियासी पारा चढ़ा, बीजेपी की अंदरूनी राजनीति पर सवाल

राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी मीणा ने एक बार फिर शायराना अंदाज में अपनी ही पार्टी के नेताओं पर इशारों में तीखा हमला बोला है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए उनके दो पोस्ट से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। किरोड़ी के बयानों को उनकी पार्टी के कुछ नेताओं पर निशाना माना जा रहा है, जिससे उनकी नाराजगी और बीजेपी की अंदरूनी खींचतान उजागर हो रही है।

हार का दर्द और अंदरूनी खींचतान

दौसा उपचुनाव में किरोड़ी मीणा के भाई जगमोहन मीणा की हार के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया। किरोड़ी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अपनी पार्टी के नेताओं की गुटबाजी को भाई की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि किरोड़ी बीजेपी के एक खास गुट से नाराज हैं, जो उनकी राह में बाधा बन रहा है।

‘रावण’ और ‘भीख’ का विवाद

दौसा के पूर्व विधायक और बीजेपी नेता शंकरलाल शर्मा ने किरोड़ी मीणा के बयानों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हार पचाना सबके बस की बात नहीं है। शंकरलाल ने तीखा तंज कसते हुए कहा कि साधु के भेष में वोट मांगने की तुलना रावण द्वारा सीता से भीख मांगने से की गई है। उपचुनाव के दौरान शंकरलाल को प्रचार में बुलाया नहीं गया, जिस पर उन्होंने कहा कि वह बिना बुलावे भगवान के पास भी नहीं जाते।

मंत्री पद से इस्तीफे की कहानी

लोकसभा चुनाव में दौसा सीट पर हार के बाद किरोड़ी मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इसे पहले से तय फैसला बताया। हालांकि, मान-मनौव्वल के बाद वह कैबिनेट बैठक में शामिल हुए। बैठक में अपनी भूमिका को लेकर उन्होंने कहा कि वह विधायक के तौर पर आए हैं, मंत्री के रूप में नहीं। किरोड़ी के इन तीखे बयानों और अंदरूनी खींचतान ने बीजेपी के भीतर सियासी दरारों को फिर से उजागर कर दिया है।

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