नई दिल्ली, 14 दिसंबर 2024 दिल्ली विधानसभा चुनाव की सियासी हलचल तेज हो गई है और सबसे ज्यादा चर्चा नई दिल्ली विधानसभा सीट की हो रही है। यह सीट इसलिए खास है क्योंकि यहां से दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार तीन बार से विधायक हैं। इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है, जहां बीजेपी की ओर से प्रवेश वर्मा और कांग्रेस की ओर से संदीप दीक्षित चुनौती पेश कर सकते हैं।
प्रवेश वर्मा का बड़ा दावा: “केजरीवाल की जमानत जब्त कराएंगे”
बीजेपी के संभावित प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने मीडिया से बातचीत में अरविंद केजरीवाल पर जनता को “धोखा देने” का आरोप लगाया। वर्मा ने कहा, “11 साल तक जनता ने केजरीवाल पर भरोसा किया, लेकिन उन्होंने लोगों को सिर्फ गुमराह किया। इस बार जनता उन्हें सबक सिखाएगी और उनकी जमानत जब्त कराएगी।” प्रवेश वर्मा ने यह भी दावा किया कि पार्टी उन्हें नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ाना चाहती है। हालांकि, बीजेपी ने अभी आधिकारिक तौर पर उनके नाम की घोषणा नहीं की है।
संदीप दीक्षित: कांग्रेस की नई उम्मीद
कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया है। संदीप दीक्षित, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं। शीला दीक्षित ने इस सीट पर 1998, 2003 और 2008 में लगातार तीन चुनाव जीतकर कांग्रेस का दबदबा कायम किया था।
AAP की रणनीति: “एक दिल्ली का बेटा”
आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी चुनावी तैयारियों की कमान संभाल ली है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, “AAP का प्रचार अभियान जल्द शुरू होगा, जिसका थीम होगा: दो सीएम के बेटे और एक दिल्ली का बेटा।” इस अभियान के केंद्र में अरविंद केजरीवाल होंगे, जो स्थानीय मतदाताओं से सीधा जुड़ाव बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। AAP नेताओं ने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए वीकेंड रखा है, ताकि वे शादी समारोह, स्थानीय खेल आयोजनों और अन्य कार्यक्रमों में शामिल होकर जनता से जुड़ सकें।
केजरीवाल का पलटवार: “बीजेपी के पास कोई योजना नहीं”
अरविंद केजरीवाल ने चुनावी चर्चा के बीच बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा के पास न तो कोई चेहरा है, न कोई योजना, और न ही दिल्ली के लिए कोई दृष्टि। उनके पास केवल एक ही नारा है: ‘केजरीवाल हटाओ’। उनसे पूछें कि उन्होंने पांच साल में क्या किया, तो उनके पास सिर्फ गाली देने का जवाब है।”
नई दिल्ली सीट का इतिहास
नई दिल्ली सीट का राजनीतिक इतिहास भी काफी दिलचस्प है।
- 1993 में यह सीट भाजपा के कीर्ति आज़ाद ने जीती थी।
- 1998 से 2008 तक शीला दीक्षित ने कांग्रेस के टिकट पर लगातार तीन बार जीत दर्ज की।
- 2013 में अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को 25,000 से अधिक वोटों से हराया था।
- 2015 में केजरीवाल ने बीजेपी की नुपुर शर्मा को 31,000 वोटों से हराकर जीत दर्ज की।
क्या होगा इस बार का परिणाम?
नई दिल्ली सीट पर तीन प्रमुख दलों के बीच कांटे की टक्कर की संभावना जताई जा रही है। जहां अरविंद केजरीवाल के काम और लोकप्रियता का परीक्षण होगा, वहीं बीजेपी और कांग्रेस इस सीट पर वापसी करने की कोशिश करेंगे। दिल्ली चुनाव में नई दिल्ली विधानसभा सीट के नतीजे न केवल स्थानीय राजनीति पर असर डालेंगे, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी संदेश देंगे। जनता इस बार किस पर भरोसा जताती है, इसका फैसला जल्द ही सामने आएगा।