“AI से बनी अश्लीलता: ‘बाल ब्रिगेड’ के कारनामे पर जयपुर पुलिस का झोल!”

जयपुर: सोशल मीडिया के साइड इफेक्ट्स का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां स्कूली छात्रों ने AI का उपयोग कर सहपाठी छात्राओं के अश्लील वीडियो बनाए और वायरल कर दिए। मानसरोवर क्षेत्र में हुई इस घटना ने स्कूल, समाज और पुलिस प्रशासन को झकझोर दिया।

घटना का खुलासा और पुलिस की “लेटलतीफी”
दरबसज AI तकनीक का दुरुपयोग करते हुए छात्रों ने सहपाठियों के फेक अश्लील वीडियो तैयार किए और उन्हें सोशल मीडिया पर ग्रुप में साझा कर दिया। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने कार्यवाही की लेकिन FIR में पोक्सो एक्ट की धारा नहीं जोड़ी गई। पीड़ित छात्राओं के बयान लेने में पुलिस ने 8-10 महीने लगा दिए। जिसे पुलिस की कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं। पुलिस की इस लेटलतीफी पर जज ने पुलिस जांच की धीमी प्रक्रिया और अनियमितताओं को लेकर सख्त नाराजगी जताई। इस घटना के बाद चार नाबालिगों को भेजा बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। हालांकि, कोर्ट ने चारों छात्रों को सशर्त जमानत दी ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो।

वहीं दूसरी तरफ आरोपियों के वकील ने पुलिस पर भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया। पुलिस पर “झोल” के आरोप के बाद जज तिरुपति कुमार गुप्ता ने DCP साउथ को निर्देश दिया कि जांच अधिकारी और SHO के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
समाज के लिए सबक: यह घटना बताती है कि तकनीक के साथ नैतिकता की शिक्षा देना कितनी जरूरी है। बता दें कि यह घटना पर आधारित जानकारी सार्वजनिक सूत्रों से ली गई है। नई अपडेट्स का इंतजार करें।

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट

संबंधि‍त ख़बरें

सोना चांदी की कीमत