बिछीवाड़ा न्यायालय की मांग अनसुनी, ग्रामीणों में गहरा आक्रोश

       

बजट सत्र में न्यायालय की घोषणा नहीं होने पर जनता नाराज, सरकार के खिलाफ उबाल

डूंगरपुर, 27 फरवरी जिले के बिछीवाड़ा उपखंड मुख्यालय पर वर्षों से न्यायालय खोलने की मांग की जा रही है। लेकिन, सरकारों की उपेक्षा के चलते अब तक यह मांग अधूरी है। 2021 में कांग्रेस सरकार ने बजट घोषणा के तहत बिछीवाड़ा में सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय खोलने की घोषणा की थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। अब बीजेपी सरकार के आने के बाद भी ग्रामीणों की इस मांग को अनदेखा कर दिया गया है, जिससे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है।

50-60 किलोमीटर दूर जाकर न्याय पाने को मजबूर ग्रामीण

बिछीवाड़ा उपखंड में दो तहसीलें, 42 ग्राम पंचायतें और 107 राजस्व गांव हैं, जहां करीब दो लाख से अधिक जनसंख्या निवास करती है। इसके बावजूद यहां न्यायालय की अनुपस्थिति न्याय प्रणाली की खामियों को उजागर करती है। क्षेत्र के बिछीवाड़ा और रामसागड़ा पुलिस थानों में हर साल हजारों मामले दर्ज होते हैं, लेकिन इनके निपटारे के लिए पक्षकारों को डूंगरपुर जिला मुख्यालय तक 50-60 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इससे न केवल आर्थिक बोझ बढ़ता है, बल्कि गरीब आदिवासी समुदाय न्याय से भी वंचित हो रहा है।

न्यायालय खोलने में राजनीतिक खेल?

स्थानीय नेताओं और ग्रामीणों का आरोप है कि उच्च न्यायालय द्वारा जब भी बिछीवाड़ा में लंबित मुकदमों की जानकारी मांगी जाती है, तो जानबूझकर अधूरी या गलत जानकारी भेजी जाती है। इससे न्यायालय की आवश्यकता को दबाने की साजिश की जा रही है। वर्तमान में डूंगरपुर में चल रहे सैकड़ों मुकदमों का बोझ अगर बिछीवाड़ा में न्यायालय स्थापित कर हल्का किया जाए, तो इससे त्वरित न्याय मिल सकेगा।

पूर्ववर्ती सरकार ने किया विश्वासघात, वर्तमान सरकार ने भी किया निराश

पूर्व कांग्रेस सरकार ने 2021 में न्यायालय खोलने की घोषणा कर जनता को आश्वस्त किया, लेकिन इसे लागू नहीं किया। अब बीजेपी सरकार के बजट सत्र में भी यह मुद्दा पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया, जिससे जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। बार एसोसिएशन बिछीवाड़ा के अध्यक्ष नारायणलाल मोडिया ने कहा, “सरकार द्वारा बिछीवाड़ा में न्यायालय खोलने की बजट घोषणा के बावजूद इसे लागू न करना कहीं न कहीं संदेहास्पद है। यहां दर्ज सैकड़ों मुकदमों को डूंगरपुर भेजा जा रहा है, जिससे जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।” बीजेपी मंडल अध्यक्ष नरसिंह फनात ने भी माना कि “जनभावनाओं के अनुरूप न्यायालय खोले जाने की घोषणा होनी चाहिए थी। हम इस मामले पर समाधान के लिए चर्चा करेंगे।”

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