Right To Health के विरोध में हॉस्पिटल बंद कर महिला डॉक्टर ने लगाया गोलगप्पे का ठेला

राजस्थान में गहलोत सरकार ने कन्वेंशन के जरिए मेडिकल बिल के अधिकार को मंजूरी दी, लेकिन डॉक्टर इस बिल को वापस करने पर अड़े हैं, क्योंकि राज्य में डॉक्टरों की हड़ताल छठे दिन भी जारी है. शहर के तमाम अस्पतालों में ताले लटके हुए हैं जहां डॉक्टरों के चिकित्सा अधिकारों के खिलाफ काम करने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर चिकित्सक चिकित्सा अधिकार विधेयक के खिलाफ तरह-तरह के उपाय कर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में जहां बीते दिनों गणगौर पर्व के दौरान एक महिला डॉक्टर ने मेंहदी से अपने हाथ पर लिखवा लिया “नो आरटीएच” तो वहीं अब सीकर गांव के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर गोलगप्पे सड़क पर बेच रहे हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक डॉक्टर अनिता खीचड़ ने अपने खीचड़ हॉस्पिटल पर ताला लगाकर सड़क पर ‘खीचड़ पुचका भंडार’ खोल लिया है जहां वह लोगों को पानी पुरी खिला रही है. वहीं डॉ. किच्छड़ भी लोगों से इस समय स्वास्थ्य विभाग में प्रवेश नहीं करने को कह रहे हैं. बता दें कि डॉक्टरों को काम बंद करने का आह्वान करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इसके अलावा गहलोत ने खुद डॉक्टरों को भ्रमित न होने के लिए कहा और ऑपरेशन बंद करने के लिए कहा, लेकिन उन्हें इसका असर नहीं दिखा।

बता दें कि सीकर के नवलगढ़ रोड स्थित किछड़ में एक निजी क्लिनिक की डॉक्टर अनीता किच्छड़ ने अपना क्लीनिक बंद कर सामने ठेला लगाकर गोलगप्पे बेच कर अपना विरोध दर्ज करवा रही है. महिला डॉक्टर अनीता ने अपने पोस्टर पर अस्पताल का नाम किछड़ अस्पताल से बदलकर पुचका भंडार कर दिया। डॉक्टर ने पोस्टर पर लिखा है कि पहले यहां प्रसव, सर्जरी, नसबंदी जैसी सेवाएं की जाती थीं, लेकिन अब खट्टे-मीठे पुचके, गर्म-गर्म पुचके और दही के पुचके बिकते हैं. जैसा कि डॉक्टर ने अंत में लिखा, अनीता पुचके वाली, एक पूर्व डॉक्टर हैं

मीडिया से बात करते हुए डॉ. अनीता ने कहा कि गहलोत सरकार ने आरटीएच एक्ट लाया था, जिससे किसी भी मरीज का सही इलाज नहीं हो सका. डॉक्टर ने कहा कि सरकार हमें नौकरी बदलने और कुछ और करने के लिए मजबूर कर रही है. उधर, शनिवार की शाम जब सरकार ने डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया तो वे बुलाए जाने के समय पर नहीं पहुंचे, बाद में रविवार को डॉक्टरों ने मुख्य सचिव से बात की. खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव उषा शर्मा से शनिवार को डॉक्टरों के साथ बैठक कर इसका समाधान निकालने को कहा, जिसके बाद रविवार को 10 डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल सीएस से मुलाकात करेगा.

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