चैत्र नवरात्रि (Caitra Navratri 2023) जारी है। हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और मां के हर रूप का एक खास मतलब होता है. ऐसा ही कुछ, मां के काली रूप का भी है जिसकी पूजा सप्तमी के दिन की जाती है। मां काली का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों को मां दुर्गा का रहस्यमयी और भयानक रूप नजर आता है, लेकिन वास्तव में यह ‘काल’ यानी समय को रोकने वाली देवी का प्रतीक है। इस प्रकार की मां कठिन समय में लड़ने के लिए सबसे शक्तिशाली और उपयोगी होती है। ऐसे में नवरात्रि में मां काली की खास चीजों से पूजा करने से आपको मां की कृपा मिल सकती है. ये तीन चीजें मां काली को भोग लगाने का उपाय हैं
1. नींबू की माला
जब आप मां काली और दुर्गा सप्तशती के बारे में पढ़ेंगे तो आप देखेंगे कि वह राक्षसों का वध करने के लिए आती हैं और उनमें से प्रत्येक को मारने के बाद उसे अपने कंठ पर मुखौटा बनाकर युद्ध में घूमती हैं। नींबू की माला को इन्हीं दैत्यों का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि ये एक प्रकार की बली है जो मां को चढ़ाई गई है और मां ने इसे स्वीकार करेंगी।
2. नीम के पत्ते
नीम का पत्ता माता के ठंडे क्रोध का प्रतीक है और माना जाता है कि यह देवी शीतला है। युद्ध के दौरान नीम के पत्ते उनकी मां को शांत रहने में मदद करते थे। ऐसे में भक्त नीम का भोग लगाकर माता काली को विदा करता है, जो उसे शांतिपूर्ण, स्वस्थ और सुखी जीवन जीने का आशीर्वाद देती हैं।
3. गुड़हल के फूल
यदि आप एक गुड़हल के फूल को देखें, तो प्रत्येक पंखुड़ी एक माँ की लाल जीभ की तरह है। साथ ही इसका लाल रंग माता को भाता है। इसलिए इन सभी चीजों का उपयोग देवी काली की पूजा में किया जाता है। तो आप भी इन चीजों से नवरात्रि में मांकाली की पूजा कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं।