चैत्र नवरात्रि जारी है और घर-घर में दुर्गा सप्तशती का पाठ होता है। दुर्गा सप्तशती के पाठ के विशेष नियम हैं इसलिए इसका नौ दिनों तक लगातार पाठ किया जाता है। लेकिन, अगर आपके पास समय की कमी है तो आप दुर्गा सप्तशती की जगह दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं। दरअसल दुर्गा चालीसा पढ़ने में उतना समय नहीं लगता जितना सप्तशती पढ़ने में लगता है। तो आइए जानते हैं दुर्गा चालीसा के नियम और लाभ।
दुर्गा चालीसा पाठ करने के नियम
दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब चौक के सामने फूल, बन, दीप, दूध और प्रसाद चढ़ाकर माता दुर्गा की पूजा करें। अब दुर्गा चालीसा का पाठ करें और उसके बाद माता की आरती करें। प्रसाद ग्रहण करें और अपने काम पर निकल जाएं।
दुर्गा चालीसा पढ़ने के लाभ
दुर्गा चालीसा का पाठ करने से कई लाभ मिलते हैं। सबसे पहले यह चालीसा आपको सोचने की शक्ति प्रदान करती है और मन को शांत करने का काम करती है। उसके बाद, यह आपको नकारात्मक ऊर्जा से बचाने में मदद करता है और आपके मन को नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही कमजोर राहु वालों के लिए दुर्गा चालीसा (राहु के लिए दुर्गा चालीसा के फायदे) का पाठ करना बहुत फायदेमंद होता है। इस चालीसा का पाठ करने से न केवल आपको सम्मान और धन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यह दु: ख को दूर करने और शत्रुओं पर काबू पाने में मदद करता है।
तो इन सभी फायदों के लिए आप नवरात्रि के 9वें दिन दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करें। इसे पढ़ने से आपको सप्तशती पढ़ने जैसे कई लाभ मिल सकते हैं।