RTH बिल का विरोध : इलाज के लिए भटकते रहे परिजन; 3 साल के बच्चे की तड़प-तड़पकर मौत

राजस्थान के जालौर जिले में डॉक्टरों के ऑपरेशन से एक तीन साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई है. परिजनों का आरोप है कि देखभाल के अभाव में बच्चे की मौत हुई है. बता दें प्राइवेट डाॅक्टरों ने महाबंद का आह्वन किया है। इलाज के अभाव में जालौर के बाल चिकित्सालय में तीन वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी. उसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया. खबरों के अनुसार मंगलवार की सुबह मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण जालोर के कंबा गांव के धनपत निवासी 3 वर्षीय पुत्र विक्रम सिंह की मौत हो गई.

परिजनों ने कहा कि एमसीएच के डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है. वहीं परिजनों का कहना है कि वे इस बच्चे को लेकर कई निजी अस्पतालों के चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन वे किसी भी अस्पताल में मासूम लोगों को भर्ती नहीं करते. इसके बाद उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मृतक बच्चे के चाचा दलपत सिंह ने बताया कि बच्चे को 2-3 दिन से सर्दी-जुकाम था और सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई. बीमार होने पर उन्होंने जालोर के कई अस्पतालों का दौरा किया, लेकिन सभी ने उनका इलाज करने से मना कर दिया।

परिजनों का कहना है कि बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे जालोर मातृ एवं शिशु अस्पताल ले जाया गया. वहां, उन्हें आपातकालीन कक्ष में भर्ती कराया गया और सभी डॉक्टर काम कर रहे थे। कुछ देर बाद चाइल्ड स्टॉप विशेषज्ञ डॉ. मुकेश चौधरी ने आते ही उसे भेज दिया। जल्द ही बच्चे की मौत हो गई। उसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया.

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश चौधरी ने बताया कि परिजन सुबह करीब 10 बजे बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल लेकर आए, उस समय मैं बाहर था। उस दौरान ड्यूटी पर डॉ. महावीर थे उन्होंने बच्चें को एडमिट किया था जब मैं अस्पताल पहुंचा तो बच्चे का इलाज चल रहा था, ऑक्सीजन लगा रखी थी। बच्चे की बिगड़ती हालत को देखते हुए डॉ. महावीर ने परिजनों को आगे के इलाज के लिए ले जाने को कहा. मैंने पहुंचते ही रेफर कर दिया। उसके बाद रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई।

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