कोटा 04 सितंबर। विधायक पीपल्दा एवं पूर्व सांसद रामनारायण मीना ने बताया कि नहरो के अंतिम छोर पर सिंचाई जल आपूर्ति के लिए क्षेत्रीय विकास आयुक्त श्रीमती प्रतिभा सिंह व उनका स्टाफ तथा सिंचित क्षेत्र विकास विभाग के अभियंता पुरजोर प्रयास कर रहे हैं।
कोटा एवं बून्दी जिले में अपर्याप्त वर्षा के कारण खरीफ की फसलों को पकने के लिए आखरी पानी की आवश्यकता को देखते हुए तथा किसानों को नुकसान से बचाने के लिए दांयी मुख्य नहर एवं बांयी मुख्य नहर में पर्याप्त पानी छोड़ा जा रहा है। मानसूनी बरसात के विलम्ब एवं अपर्याप्त वर्षा को देखते हुए उन्होंने कोटा संभाग के नहरी तंत्र से अत्यधिक आवश्यकता वाले क्षेत्रों में अविलम्ब पर्याप्त सिंचाई जल आपूर्ति की सिंचित क्षेत्र विकास विभाग के आला अधिकारियों तक आवाज पहुंचायी है।
विधायक मीना ने बताया की जब चम्बल परियोजना के बांधों में पर्याप्त पानी है तो आवश्यकता वाले क्षेत्रों में पर्याप्त सिंचाई जलापूर्ति की जानी चाहिए। चावल एवं सोयाबीन की फसल को पानी की आवश्यकता अधिक रहती है, अतः ऐसे क्षेत्रों में प्राथमिकता से सिंचाई जल उपलब्ध कराया जाना चाहिए तथा ऐसे क्षेत्रों में जहॉं नहरी पानी की मांग नहीं हो, वहॉं नहरी पानी व्यर्थ नहीं करना चाहिए।
विधायक मीना ने सीएडी के अभियन्ताओं से भी चर्चा की जिसमें उन्होंने अभियन्ताओं को नहरी क्षेत्र का भ्रमण करके आवश्यकता वाले क्षेत्रों में प्राथमिकता से पर्याप्त सिंचाई जलापूर्ति में जुटने तथा नहरों की समय पर आवश्यक साफ-सफाई कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
चम्बल सिंचित क्षेत्र के अधिकारियों से वार्ता कर फसलों के लिए नहरी पानी की आवश्यकता का देखते हुए तथा किसानों को नुकसान से बचाने के लिए टेल क्षेत्र से शीघ्र ही नहरी पानी पहुंचाने के लिए अविलम्ब पर्याप्त सिंचाई जल आपूर्ति की मांग की है। विधायक मीना ने क्षेत्र के किसानों को हो रही कठिनाइयों तथा उनकी भावना से भी उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है।
विधायक मीना ने क्षेत्र के किसानों से अपील की है कि वे आपसी समझाइश के साथ अधिकारियों को सहयोग करें, जल्दबाजी नहीं करें तथा जिस क्षेत्र में पानी की आवश्यकता हो वहॉं पर अपने जल उपयोक्ता प्रबन्ध समिति के अध्यक्षों के माध्यम से अविलम्ब ही मांग प्रस्तुत करवायें तथा जहॉं पर पानी की आवश्यकता नहीं हो वहॉं से पानी को आवश्यकता वाले क्षेत्रों निर्बाध जाने देवें ताकि फसलों को बचाया जा सके। यदि किसी प्रकार की समस्या हो तो सीएडी के सम्बन्धित अधिकारियों को अवश्य बतायें।