कोटा 05 सितंबर। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नीमच स्टेशन पर यात्री सुख-सुविधाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मंदसौर के सांसद सुधीर गुप्ता भी उपस्थित थे। उनके साथ पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री अशोक कुमार मिश्र, रतलाम मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री रजनीश कुमार तथा प्रधान कार्यालय और मंडल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इसके बाद, माननीय रेल मंत्री ने नीमच-रतलाम-नागदा खंड का विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण किया।
माननीय रेल मंत्री श्री वैष्णव ने नीमच स्टेशन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र के साथ पश्चिम रेलवे पर चल रही विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने स्टेशन पर ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ स्टॉल का दौरा किया और उत्पादों की गुणवत्ता की जांच की तथा साथ ही इसकी बिक्री के बारे में भी जानकारी ली। श्री वैष्णव ने स्टॉल विक्रेताओं से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और ‘डिजिटल इंडिया’ के सपने को साकार करने पर बल दिया।
उन्होंने नीमच में ओएसओपी स्टॉल और कैटरिंग स्टॉल से खरीदे गए उत्पादों का डिजिटल भुगतान करके उन प्रयासों का नेतृत्व किया। इसके बाद वैष्णव ने नीमच-रतलाम खंड का विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण किया। अपने निरीक्षण के दौरान माननीय रेल मंत्री ने नीमच-रतलाम खंड पर पिपलिया मंडी स्टेशन के पास समपार (एलसी) संख्या 141 के स्थान पर बनाए जा रहे नए रोड ओवर ब्रिज के चल रहे कार्य का निरीक्षण किया।
माननीय रेलमंत्री ने रेलवे के युवा अधिकारियों से भी बातचीत की और उनसे रेलवे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। माननीय रेल मंत्री ने उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने और रेलवे के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। श्री वैष्णव ने रतलाम स्टेशन पर मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना ट्रेन से पुरी जाने वाले भक्तों को यादगार और सुखद यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर का निरंतर विकास किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में वर्तमान में 86000 करोड़ रुपए से अधिक की लगभग 40 परियोजनाओं में कार्य चल रहा है। मध्य प्रदेश को इस वर्ष के बजट में रिकॉर्ड 13607 करोड रुपए रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए दिए गए हैं। इसी कड़ी में सरकार द्वारा अमृत भारत स्टेशन की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत देशभर में 13 सौ से अधिक स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है । मध्यप्रदेश में 80 से अधिक स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकास किया जा रहा है।