जयपुर में ACB की बड़ी कार्रवाई, PWD का चीफ इंजीनियर 10 लाख रुपए के साथ दबोचा

राजस्थान की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने सार्वजनिक निर्माण मंत्रालय के एक मुख्य अभियंता, एक ठेकेदार और एक सहायक को 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। इनके घर और अन्य ठिकानों की तलाश की जा रही है. आरोप है कि विभाग में पोस्टिंग के बदले मुख्य अभियंता ने अपने आवास में सहायक अभियंता के माध्यम से मुख्य अभियंता से 10 लाख रुपये की रिश्वत ली.

तीनों को एबीसी ने गिरफ्तार कर लिया। एबीसी ने अब इनके घर की तलाश शुरू कर दी है। एसीबी के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि एसीबी को सूचना मिली थी कि बांसवाड़ा में मुख्य अभियंता (निर्माण) सुबोध कुमार मलिक, सहायक अभियंता (एनएच) 10 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। उनके बीच रिश्वत का आदान-प्रदान हो सकता है।

एसीबी जयपुर के डीआइजी रणधीर सिंह की देखरेख में एसीबी मुख्यालय द्वारा स्रोत संबंधी जानकारी एकत्रित की गई। फिर आज संस्था के मुखिया के घर पर जाल बिछाया गया। जिसके आदेश सीबीए फर्स्ट यूनिट से जयपुर नगर के एएसपी आलोक शर्मा और विशेष जांच इकाई से एएसपी ललित किशोर शर्मा और सीआई हेमंत वर्मा को मिले. टीम ने चीफ इंजीनियर जीतेंद्र कुमार जैन और डिप्टी इंजीनियर समेत सुबोध कुमार मलिक को गिरफ्तार कर लिया.

एसीबी अधिकारियों ने बताया कि एसीबी की टीम तीनों आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर तलाशी ले रही है. जहां रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के और भी सबूत मिलने की संभावना है. एसीबी के डीआइजी रणधीर सिंह के निर्देशन में प्रतिवादियों से पूछताछ की जा रही है. एबीसी मामले की प्रारंभिक जांच करेगा और इसे भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के तहत दर्ज करेगा।

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