राजस्थान मुख्यालय अपराध शाखा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, शिवदासपुर पुलिस ने पुगलिया के यारलीपुर के पास एक युवक को गिरफ्तार किया और विभिन्न बैंकों के 15 एटीएम कार्ड और 27 फर्जी सिम कार्ड जब्त किए। गिरफ्तार मानसिंह पुत्र श्योदान सिंह (28) निवासी गोविंदगढ़ थाना अलवर इसे अलवर के साइबर ठगों को देने जा रहा था। एडीजी पुलिस अपराध दिनेश एमएन ने बताया कि सीआईडी क्राइम ब्रांच के हेड कांस्टेबल कमल सिंह को आरोपी मान सिंह के बारे में प्राप्त सूचना मिली थी.
आरोपी की जांच आईजी प्रफुल्ल कुमार की देखरेख में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशा राम चौधरी और पुलिस अधीक्षक राम सिंह नाथावत के नेतृत्व में एक टीम कर रही है। यह जानकारी देने के बाद क्राइम ब्रांच के सदस्यों ने गुरुवार को शिवदासपुर टीम को बताया कि 30 वर्षीय व्यक्ति ने बालियां पहन रखी थी और उसके दाहिने हाथ पर भगवान शिव का टैटू बना हुआ था.
टोंक रोड यारलीपुरा पुगलिया के पास कैश बूथ के सामने बैग लेकर खड़ा था। उसके पास बड़ी संख्या में नकली एटीएम कार्ड और नकली सिम कार्ड हैं। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस वहां पहुंची और युवक को घेर कर पकड़ लिया. आरोपियों के पास से अलग-अलग बैंकों के 15 एटीएम कार्ड और 27 फर्जी सिम कार्ड बरामद हुए हैं.
एडीजी एमएन ने बताया कि आरोपी मानसिंह ने शुरुआती सुनवाई के दौरान पुलिस को बताया कि राज, आकाश और राहुल दुबे, जो इंदौर के रहने वाले हैं ने उसे फर्जी सिम कार्ड और एटीएम कार्ड दिए थे। वह उन्हें अलवर चौकी गढ़ी सवाईराम क्षेत्र निवासी साइबर अपराधी आमीन गोथरा छोटा और साजिद गोथरा बड़ा को सौंपने जा रहा था। आरोपी के घर से मिले दो मोबाइल फोन में वित्तीय लेनदेन और अन्य संदिग्ध दस्तावेजों के स्क्रीनशॉट मिले हैं।
एडीजी ने कहा कि मामले से यह भी पता चला कि आरोपी फर्जी एटीएम कार्ड से कमीशन के रूप में एटीएम मशीन से रुपए निकालने का काम करता था. नकली एटीएम पर नकली सिम कार्ड बेचने से होने वाले भारी मुनाफे के कारण वह काफी समय से यह काम कर रहा है। दुसरे राज्यों से 20 हजार में फर्जी एटीएम लाकर 25 हजार में और सिम 4 हजार में खरीद कर 5 हजार में साइबर ठगों को बेचा करता था. पुलिस टीम आरोपी से गहन पूछताछ कर उनके नेटवर्क को खंगाल रही है. एडीजी एमएन ने बताया कि इस ऑपरेशन में इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत, पुलिस अधीक्षक शंकर दयाल, रामनिवास व कमल सिंह, कांस्टेबल देवेन्द्र, भूपेन्द्र व सोहनदेव तथा चालक विश्राम की विशेष भूमिका रही. पुलिस अधीक्षक कमल सिंह ने जानकारी जुटाने में सराहनीय कार्य किया.