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राजस्थान में 150 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की जानकारी छिपा रहे बिल्डर्स, रेरा ने जारी किए नोटिस

राजस्थान में रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। प्रदेश में करीब 150 बिल्डर-डवलपर्स ने अपने प्रोजेक्ट की निर्माण प्रगति की रिपोर्ट न तो रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) को सौंपी है और न ही बुकिंगकर्ताओं को कोई अपडेट दिया है। यह स्थिति बीते छह से आठ महीनों से बनी हुई है, जो रेरा नियमों का सीधा उल्लंघन है।

रेरा ने दिए सख्त निर्देश, एक माह की मोहलत

रेरा ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए ऐसे सभी बिल्डर्स को नोटिस जारी कर दिए हैं और चेतावनी दी है कि अगर वे एक महीने के भीतर प्रोजेक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट (QPR) पोर्टल पर अपलोड नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ भारी पेनल्टी के साथ-साथ प्रोजेक्ट निरस्त करने तक की कार्रवाई की जा सकती है।

नियमों के तहत हर तिमाही रिपोर्ट जरूरी

रेरा के नियमानुसार, हर रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट हर तीन माह में पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। इसका उद्देश्य खरीदारों को यह जानकारी देना है कि उनके आशियाने का निर्माण कार्य किस स्थिति में है और क्या उन्हें समय पर कब्जा मिलेगा।

खरीदारों की परेशानी

रिपोर्ट न देने के चलते हजारों खरीदारों को यह तक पता नहीं चल पा रहा कि उनका मकान या फ्लैट कितने प्रतिशत बनकर तैयार हुआ है। इस स्थिति ने ग्राहकों के बीच असमंजस और असुरक्षा का माहौल बना दिया है।


यह है रेरा की कार्रवाई और प्रावधान

  • QPR न देने पर पेनल्टी: प्रति तिमाही रिपोर्ट पर ₹5,000 की पेनल्टी। यह राशि हर तिमाही के साथ जुड़ती जाएगी।

  • भारी जुर्माना: आवश्यकता पड़ने पर प्रोजेक्ट लागत का 5% तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

  • प्रोजेक्ट टेकओवर: यदि रेरा के आदेश का पालन नहीं हुआ तो प्रोजेक्ट टेकओवर करने तक की कार्रवाई संभव।

  • ग्राहकों को राहत: खरीदार को जमा राशि ब्याज समेत लौटाने का प्रावधान।


आंकड़ों में राजस्थान का रियल एस्टेट

  • 3,728 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड: (प्लॉट: 1745, कॉमर्शियल: 105, ग्रुप हाउसिंग: 1775, मिक्स प्रोजेक्ट: 103)

  • 561 बिल्डर्स ने एक्सटेंशन लिया अब तक

  • 1.87 करोड़ रुपये की पेनल्टी वसूली गई अभी तक 97 प्रोजेक्ट्स से


बिल्डर्स की लापरवाही के उदाहरण

  • तिमाही रिपोर्ट की जिम्मेदारी बिल्डर की है, जिसे आर्किटेक्ट, इंजीनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंट से प्रमाणित करवाना होता है।

  • रिपोर्ट ऑनलाइन फॉर्मेट में जमा कराई जा सकती है, जिस पर कोई शुल्क नहीं लगता।

  • अधिकांश बिल्डर जानबूझकर जानकारी छिपा रहे हैं, जिससे ग्राहकों को भ्रमित किया जा सके।


क्या करें ग्राहक?

रेरा पोर्टल (https://rera.rajasthan.gov.in/project-search) पर जाकर आप अपने प्रोजेक्ट की स्थिति खुद चेक कर सकते हैं। अगर बिल्डर जानकारी नहीं दे रहा है, तो रेरा में शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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