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डोनाल्ड ट्रंप की रेसिप्रोकल टैरिफ नीति: भारतीयों की जेब पर पड़ेगा भारी असर!

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार को चौंकाने वाला फैसला किया है। उनकी नई “रेसिप्रोकल टैरिफ नीति” के तहत अमेरिका उन देशों पर समान आयात शुल्क लगाएगा, जो अमेरिकी सामानों पर उच्च टैरिफ लगाते हैं। इस नीति का सीधा असर भारत समेत कई देशों पर पड़ेगा, और इससे आम भारतीयों की रोजमर्रा की जिंदगी महंगी हो सकती है।

किन चीजों के दाम बढ़ेंगे?

  1. दवाएं महंगी होंगी – भारत अमेरिका को हर साल 12.7 अरब डॉलर की जेनेरिक दवाएं निर्यात करता है। टैरिफ बढ़ने से दवा कंपनियों की लागत बढ़ेगी, जिसका असर घरेलू बाजार में दवाओं की कीमतों पर पड़ सकता है।
  2. खाद्य तेल और कृषि उत्पादों पर मार – सरसों तेल, नारियल तेल और अन्य कृषि उत्पादों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से भारतीय किसानों को नुकसान होगा, साथ ही बाजार में इनकी कीमतें बढ़ सकती हैं।
  3. डेयरी उत्पादों पर असर – घी, मक्खन और दूध पाउडर जैसे उत्पादों के निर्यात में कमी आ सकती है, जिससे भारत में इनकी कीमतें कम हो सकती हैं, लेकिन किसानों की आय घटने से अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा।
  4. गहने सस्ते होंगे, लेकिन… – भारत अमेरिका को सोना, चांदी और हीरे का बड़ा निर्यातक है। टैरिफ बढ़ने से अमेरिका में ये महंगे होंगे, लेकिन भारत में इनकी कीमतें कम हो सकती हैं। हालांकि, इससे ज्वैलरी व्यापारियों को नुकसान होगा।
  5. कपड़े और टेक्सटाइल उद्योग पर संकट – भारतीय कपड़ा उद्योग अमेरिका को बड़ी मात्रा में निर्यात करता है। टैरिफ बढ़ने से निर्यात घटेगा और भारत में भी कपड़ों के दाम बढ़ सकते हैं।
  6. कारें और ऑटो पार्ट्स महंगे होंगे – ऑटोमोबाइल सेक्टर में टैरिफ का असर नई गाड़ियों और उनके पुर्जों पर पड़ेगा, जिससे मरम्मत का खर्च भी बढ़ेगा।
  7. इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों पर असर – टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि इनमें इस्तेमाल होने वाले कुछ कंपोनेंट्स अमेरिका से आते हैं।

रुपये की कीमत और नौकरियों पर खतरा

  • टैरिफ नीति से भारत का निर्यात घट सकता है, जिससे व्यापार घाटा बढ़ेगा और रुपया कमजोर होगा।
  • आईटी, फार्मा और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में नौकरियां जाने का खतरा बढ़ सकता है।

सरकार क्या करेगी?

भारत सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए वैकल्पिक बाजारों की तलाश कर रही है। साथ ही, घरेलू उत्पादन बढ़ाने और अन्य देशों के साथ नए व्यापार समझौतों पर विचार किया जा रहा है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है। मनोज का उद्देश्य है कि हर पाठक को सरल भाषा में सटीक और विश्लेषणात्मक खबरें मिलें, जिससे वह अपनी राय बना सके। वे डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में लगातार नई तकनीकों और ट्रेंड्स को अपनाकर अपने लेखन को और प्रभावशाली बना रहे हैं।

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