राजस्थान की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और खेल सचिव वरिष्ठ IAS अधिकारी नीरज के पवन को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मच गया है। इस मामले को लेकर जहां सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है।
गहलोत ने सरकार की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और IAS अधिकारी नीरज के पवन को मिली जानलेवा धमकी पूरे प्रदेश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। जब मुख्यमंत्री को ही बार-बार धमकी दी जा रही है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या होगा?” गहलोत ने कहा कि यह तीसरी बार है जब मुख्यमंत्री को धमकी मिली है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में अपराध बेलगाम हो गए हैं और सरकार केवल अपराध के आंकड़े कम करके अपनी छवि चमकाने में लगी है। उन्होंने कहा कि जब गृह मंत्रालय खुद मुख्यमंत्री के पास है और फिर भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं, तो आमजन कैसे सुरक्षित महसूस करेगा?
क्या है धमकी का पूरा मामला?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक बार फिर ईमेल के जरिए जान से मारने की धमकी मिली है। यह तीसरी बार है जब उन्हें इस तरह की धमकी मिली है। इस बार धमकी में SMS स्टेडियम को बम से उड़ाने की बात कही गई है। खेल सचिव नीरज के पवन को भी बेहद गंभीर और आपत्तिजनक भाषा में धमकी दी गई है, जिसमें उन्हें “टुकड़े कर सूटकेस में बंद करने” जैसी बातें लिखी गईं। ईमेल में खुद को मानसिक रूप से बीमार बताते हुए आरोपी ने पुलिस को भ्रमित करने की बात भी लिखी है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि ईमेल जर्मनी और नीदरलैंड्स के VPN आधारित IP एड्रेस से भेजे गए हैं।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, विपक्ष हमलावर
धमकी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तत्काल एक्शन लिया है। SMS स्टेडियम और आसपास के क्षेत्रों में बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वॉड और विशेष सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। साइबर सेल और खुफिया एजेंसियां मामले की जांच में जुटी हैं। हालांकि, विपक्ष इसे लेकर सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब वे मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को भी निशाना बना रहे हैं।
जनता में असुरक्षा का माहौल
राज्य में लगातार बढ़ते अपराधों के बीच इस घटना ने आमजन में भी चिंता बढ़ा दी है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर मुख्यमंत्री सुरक्षित नहीं हैं, तो वे खुद कैसे महफूज रहेंगे? यह घटना राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवालिया निशान छोड़ रही है और आने वाले दिनों में इसके सियासी असर और तेज होने की पूरी संभावना है।
