मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के “वोट चोरी” वाले आरोपों पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के पास सात दिन का समय है—या तो शपथपत्र के साथ सबूत पेश करें या फिर देश से माफी मांगें। CEC ने राहुल गांधी के आरोपों को “निराधार और झूठा” करार दिया। ये आरोप बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) और मतदाता सूची में गड़बड़ी से जुड़े हैं।
पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह निष्पक्ष है और सभी दलों के लिए समान रूप से काम करता है। उन्होंने बताया कि बिहार में SIR के तहत 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंटों ने ड्राफ्ट मतदाता सूची तैयार की, जिसे सभी राजनीतिक दलों के एजेंटों ने सत्यापित किया। CEC ने सवाल उठाया – “जब देशभर में एक करोड़ कर्मचारी और 20 लाख पोलिंग एजेंट काम कर रहे हैं, तो वोट चोरी कैसे संभव है?” उन्होंने दोहराया कि आयोग गरीब, अमीर, महिला, युवा और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ “चट्टान की तरह” खड़ा है।
मतदाता गोपनीयता पर सवाल
CEC ने राहुल गांधी पर मतदाताओं की तस्वीरें और पहचान सार्वजनिक करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा— “क्या हमें मां, बहू, बेटियों के CCTV फुटेज शेयर करने चाहिए?” ज्ञानेश कुमार ने इसे मतदाता गोपनीयता का उल्लंघन बताया और याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में मशीन-पठनीय मतदाता सूची को निजता के खिलाफ माना था।
शिकायत का रास्ता खुला है
CEC ने कहा कि चुनाव परिणाम घोषित होने के 45 दिन के भीतर कोई भी नागरिक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है। लेकिन इस अवधि के बाद “वोट चोरी” जैसे आरोप लगाना संविधान और लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने बताया कि बिहार में ही 28,370 दावे और आपत्तियां दर्ज हुईं, जो प्रक्रिया की पारदर्शिता दर्शाती हैं।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।