राजस्थान के लाखों सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के चलते कर्मचारियों की छुट्टियों पर लगी अस्थायी रोक को हटा लिया है। अब कर्मचारी पहले की तरह सामान्य प्रक्रिया के तहत अवकाश ले सकेंगे।
कार्मिक विभाग ने जारी किया आदेश
इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कार्मिक विभाग (DOP) के संयुक्त सचिव कनिष्क कटारिया ने एक आधिकारिक आदेश जारी किया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान में हालात नियंत्रण में हैं और प्रशासनिक व्यवस्था सामान्य रूप से कार्य कर रही है, लिहाजा अब छुट्टियों पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी।
क्यों लगी थी रोक?
गौरतलब है कि 8 मई को सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव के मद्देनज़र आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और प्रशासनिक विभागों के कर्मचारियों की छुट्टियों पर अस्थायी रोक लगा दी थी। यह रोक विशेष रूप से उन विभागों पर लागू की गई थी जिनकी उपस्थिति संकट प्रबंधन के लिए अत्यावश्यक मानी गई थी।
अब क्या कहा सरकार ने?
सरकार ने हालात की समीक्षा के बाद निर्णय लिया कि अब सीमावर्ती क्षेत्र में स्थिति सामान्य हो चुकी है और आवश्यकतानुसार संसाधन व कर्मचारी उपलब्ध हैं। इसीलिए, कर्मचारियों की पारिवारिक, स्वास्थ्य और निजी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छुट्टियों की मंजूरी फिर से बहाल की जा रही है।
कर्मचारियों में खुशी की लहर
इस निर्णय के बाद राज्यभर के सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है। कई ऐसे कर्मचारी जिनकी पूर्व-नियोजित पारिवारिक जिम्मेदारियां बाधित हो रही थीं, अब बिना किसी अड़चन के छुट्टी पर जा सकेंगे।
राज्य कर्मचारी संगठनों ने जताया आभार
राज्य कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। संगठनों का कहना है कि सरकार ने समय पर संवेदनशील और जिम्मेदार निर्णय लिया है जिससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है।
निष्कर्ष
भजनलाल शर्मा सरकार का यह कदम न केवल प्रशासनिक संतुलन को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि सरकार कर्मचारियों की भावनाओं और आवश्यकताओं को गंभीरता से लेती है। छुट्टियों की बहाली से जहां सरकारी मशीनरी को लचीलापन मिलेगा, वहीं कर्मचारियों को भी मानसिक राहत प्राप्त होगी।
