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बिजली बिल विवाद पर हिमाचल में गरमाई सियासत: कंगना रनौत और विक्रमादित्य सिंह में तीखी जुबानी जंग

हिमाचल प्रदेश की सियासत इन दिनों बॉलीवुड अभिनेत्री और मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत के बिजली बिल विवाद को लेकर गरमा गई है। मामला कंगना के मनाली स्थित घर के बिजली बिल से जुड़ा है, जो एक लाख रुपये तक पहुंच गया। इस मुद्दे को उठाकर कंगना ने कांग्रेस सरकार पर करारा हमला बोला, तो वहीं, हिमाचल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने पलटवार करते हुए कंगना पर तंज कस दिया।

कंगना ने हाल ही में मंडी के एक कार्यक्रम में कहा, “मेरे घर में बल्ब जलते हैं, कोई घराट नहीं चलता। फिर भी मनाली वाले घर का बिजली बिल एक लाख रुपये आया है। मैं वहां रहती भी नहीं हूं।” उन्होंने इसे प्रदेश सरकार की विफलता करार दिया और जनता की समस्याओं से जोड़ते हुए कहा, “समोसे की जांच के लिए एजेंसियां लगा दीं, लेकिन जनता की परेशानियों का कोई हल नहीं।”

उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां समर्थकों ने इसे आम लोगों की आवाज बताया, तो आलोचकों ने इसे सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कहा।

विद्युत बोर्ड ने दी सफाई

हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड ने इस मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कंगना का बिजली बिल दो महीने का है, जिसमें पुराना बकाया भी शामिल है। बोर्ड के अनुसार, कंगना के घर का कनेक्टेड लोड सामान्य घरों की तुलना में अधिक है, जिससे बिल ज्यादा आया है।

विक्रमादित्य सिंह का तंज

कंगना के आरोपों का जवाब देते हुए विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “मोहतरमा बड़ी शरारत करती हैं। बिजली का बिल नहीं भरतीं और फिर मंच पर सरकार को कोसती हैं। यह कैसे चलेगा?” उन्होंने कंगना पर समय पर बिल जमा न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद होने के नाते उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, न कि अनर्गल बयानबाजी करनी चाहिए।

कंगना का पलटवार: “मैं भी रानी हूं

विक्रमादित्य सिंह के बयान पर कंगना ने भी तीखा जवाब दिया। पहाड़ी बोली में उन्होंने कहा, “जे विक्रमादित्य राजा बाबूआ तां मिंजो बी क्वीन बोलाएं। असां अप्पूजो कम नी समझना।” उन्होंने विक्रमादित्य पर निशाना साधते हुए कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में मिली हार को भूल नहीं पा रहे हैं, जहां कंगना ने उन्हें 70,000 से अधिक वोटों से हराया था।

सियासी रंग लेता विवाद

यह विवाद हिमाचल प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ लेता नजर आ रहा है। जहां कंगना के समर्थक इसे जनभावनाओं का प्रतिनिधित्व मान रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे पब्लिसिटी स्टंट बता रहा है। कंगना ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगी और जनता के लिए न्याय की मांग करेंगी।

फिलहाल, यह मामला न सिर्फ राज्य बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी चर्चा का केंद्र बना हुआ है। आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद किस दिशा में जाता है और क्या यह हिमाचल की चुनावी

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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