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BAP विधायक पर भ्रष्टाचार मामले को लेकर राजस्थान विधानसभा सदाचार कमेटी की अहम बैठक आज

राजस्थान विधानसभा की सदाचार कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक आज दोपहर 3 बजे होने जा रही है, जिसमें भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर विशेष चर्चा होगी। यह बैठक राज्य की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। बैठक की अध्यक्षता भाजपा विधायक कैलाश वर्मा करेंगे, जो हाल ही में सदाचार कमेटी के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। बैठक में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, कैलाश वर्मा सहित समिति के 12 सदस्य शामिल होंगे।

जयकृष्ण पटेल मामला: भ्रष्टाचार के आरोप और गिरफ्तारी

बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल को हाल ही में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। यह मामला राजस्थान के इतिहास में अपनी तरह का पहला उदाहरण है, जब किसी मौजूदा विधायक को एसीबी ने इस तरह पकड़ा है। सदाचार कमेटी के अध्यक्ष कैलाश वर्मा ने बताया कि बैठक में एसीबी की रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसमें पटेल के खिलाफ की गई कार्रवाई का विस्तृत विवरण होगा। इसके साथ ही विधानसभा में लंबित एक दर्जन से अधिक याचिकाएं और अनुशासनहीनता से जुड़े मामलों पर भी विचार किया जाएगा।

बीएपी का पलटवार: राजनीतिक साजिश का आरोप

भारत आदिवासी पार्टी ने विधायक जयकृष्ण पटेल की गिरफ्तारी को “द्वेषपूर्ण कार्रवाई” बताया है। पार्टी का दावा है कि यह पूरा मामला एक “राजनीतिक साजिश” का हिस्सा है और पटेल को फंसाने का प्रयास किया गया है। बीएपी ने मामले की आंतरिक जांच के लिए खुद की एक जांच समिति भी गठित की है।

कमेटी में अध्यक्ष बदलने को लेकर उठा विवाद

सदाचार कमेटी हाल ही में तब विवादों में आ गई थी, जब कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक नरेंद्र बुढ़ानिया को अध्यक्ष पद से हटाकर भाजपा विधायक कैलाश वर्मा को नियुक्त कर दिया गया। कांग्रेस नेताओं ने इसे राजनीति से प्रेरित निर्णय बताया और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर भाजपा व आरएसएस के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। विपक्ष के नेता टीकाराम जूली, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पीकर की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं।

क्या हो सकता है निर्णय?

सूत्रों के अनुसार, आज की बैठक में जयकृष्ण पटेल की विधायकी को लेकर कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है। हाल ही में बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी समाप्त की गई थी, जिससे संकेत मिलते हैं कि पटेल के मामले में भी ऐसा कोई कदम उठाया जा सकता है। राजनीतिक गलियारों में इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसका असर विधानसभा की कार्यप्रणाली और सत्ता-विपक्ष के रिश्तों पर भी पड़ सकता है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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