(तेहरान/तेल अवीव, 16 जून 2025) – मध्य पूर्व में तनाव चरम पर पहुँच गया है। इज़राइल और ईरान के बीच हुए भीषण मिसाइल हमलों में अब तक 230 ईरानी और 24 इज़राइली नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,000 से अधिक लोग घायल हैं। ईरान ने इज़राइल पर 370 मिसाइलें दागीं, जबकि इज़राइल ने ईरान के खुजिस्तान प्रांत में जवाबी हमला कर तबाही मचा दी।
क्या हुआ?
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इज़राइल का हमला: रविवार रात इज़राइली वायुसेना ने ईरान के 80 से अधिक सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले में 90% मारे गए लोग नागरिक थे।
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ईरान का जवाब: ईरान ने 370 मिसाइलें और ड्रोन इज़राइल की राजधानी तेल अवीव और यरुशलम पर दागे, जिससे 24 लोगों की मौत हुई।
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बुनियादी ढाँचे को नुकसान: तेहरान और शिराज में बिजली व इंटरनेट बाधित, कई इमारतें ध्वस्त।
क्यों भड़का संघर्ष?
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इज़राइल का ईरानी परमाणु साइट पर हमला –पिछले हफ्ते इज़राइल ने ईरान के नाटंज परमाणु संयंत्र को निशाना बनाया था। ईरान ने इस हमले को प्रतिष्ठा का सवाल बनया और इजराइल पर जबावी हमला किया और मिसाइलें दागी। और संर्घष आगे बढ गया। इसके अलावा दूसरा बडा कारण रहा ईरानी सेना के शीर्ष कमांडर की हत्या – इज़राइल द्वारा किये गये हमले में ईरानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बघेरी मारे गये।
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कुद्स फोर्स की भूमिका – इज़राइल का आरोप है कि ईरान की कुद्स फोर्स हमास और हिज़बुल्लाह को हथियार मुहैया कराती है।
दोनों देशों की प्रतिक्रिया:
ईरान:
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सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने इज़राइल को “ज़ायोनी दुश्मन” बताते हुए कहा – “उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।” ईरानी रक्षा मंत्रालय ने चेतावनी दी – “अगला हमला इज़राइल के नागरिक क्षेत्रों पर होगा।”
इज़राइल:
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रक्षा मंत्री इज़राइल कैट्ज़ ने कहा – “तेहरान के लोग तानाशाही की कीमत चुकाएँगे।” इज़राइली सेना ने दावा किया कि उसने ईरान के 35% मिसाइल लॉन्चर नष्ट कर दिए हैं।
वैश्विक प्रभाव:
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तेल की कीमतों में उछाल – ब्रेंट क्रूड 10% महँगा, वैश्विक बाज़ारों में दहशत।
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अंतरराष्ट्रीय चिंता – संयुक्त राष्ट्र ने युद्धविराम की अपील की, जबकि अमेरिका और रूस ने अपने-अपने समर्थक देशों को सैन्य मदद भेजी।
भारत की प्रतिक्रिया:
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विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की।
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भारतीय विमानन प्राधिकरण ने ईरान और इज़राइल के हवाई क्षेत्र से भारतीय विमानों को बचने के निर्देश दिए।
आगे क्या होगा?
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इज़राइल ने चेतावनी दी है कि वह ईरान के ऊर्जा संयंत्रों और सैन्य अड्डों पर नए हमले कर सकता है।
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ईरान ने हिज़बुल्लाह और हमास को “खुला समर्थन” देने की घोषणा की है।
