राजस्थान के झालावाड़ जिले में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया। मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी गांव स्थित एक सरकारी स्कूल की छत अचानक बारिश के दौरान भरभराकर गिर गई। इस हादसे में मलबे में दबने से 6 बच्चों की मौत हो गई जबकि 28 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के समय कक्षा 7 के 35 से अधिक छात्र कक्षा में मौजूद थे। ग्रामीणों और स्कूल कर्मचारियों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और बच्चों को मलबे से बाहर निकाला।
घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गहरा शोक व्यक्त किया। केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि बच्चों की मौत की खबर अत्यंत पीड़ादायक है और उन्होंने राजस्थान सरकार से बात कर राहत व बचाव कार्य का जायजा लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे को दुखद बताते हुए प्रशासन को तेजी से राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
हादसे के बाद मनोहरथाना अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई, जहां घायलों को लाया गया। डॉक्टर कौशल लोढ़ा ने बताया कि अस्पताल में लाए गए 35 बच्चों में से 5 की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि गंभीर रूप से घायल 11 बच्चों को झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां एक और बच्चे ने दम तोड़ दिया।
मरने वाले बच्चों में पायल (14), प्रियंका (14), कार्तिक (8), हरीश (8), कुंदन (12) और एक अन्य छात्र शामिल हैं। घायल बच्चों में मिनी, वीरम, मिथुन, आरती, विशाल, अनुराधा, राजू और शाहीना जैसे नाम शामिल हैं, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए उच्च चिकित्सा संस्थानों में भर्ती कराया गया है।
गौरतलब है कि स्कूल की इमारत बेहद जर्जर अवस्था में थी और ग्रामीणों ने पहले भी इसकी मरम्मत की मांग की थी। हादसे के समय स्कूल में दो शिक्षक मौजूद थे, लेकिन वे इमारत के बाहर थे, जिससे उनकी जान बच गई, जबकि छात्र अंदर दब गए।
राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अपने भरतपुर दौरे को रद्द कर घटनास्थल के लिए रवाना होते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता घायल बच्चों को हरसंभव इलाज और राहत देना है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में 200 करोड़ रुपये की लागत से जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत का काम चल रहा है और इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
झालावाड़ की यह घटना न केवल एक प्रशासनिक चूक की ओर इशारा करती है, बल्कि राज्य में स्कूल भवनों की बदहाल स्थिति पर भी सवाल खड़े करती है। grieving परिवारों का दर्द असहनीय है और यह हादसा सरकारी स्कूलों की सुरक्षा पर गहरी चोट है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।