कोलकाता | 27 जून 2025
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक लॉ छात्रा के साथ हुए गैंगरेप ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस शर्मनाक घटना में शामिल मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा के तृणमूल कांग्रेस (TMC) की छात्र इकाई से जुड़े होने की बात सामने आने के बाद यह मामला अब सियासी तूल पकड़ चुका है। विपक्षी भाजपा ने TMC पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं, वहीं पार्टी ने आरोपी को बख्शने से इनकार करते हुए कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
क्या है मामला?
घटना बुधवार की बताई जा रही है, जब साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में ही तीन युवकों—31 वर्षीय वकील और पूर्व छात्र मनोजित मिश्रा, 19 वर्षीय जैब अहमद और 20 वर्षीय प्रमित मुखर्जी ने मिलकर कथित रूप से दुष्कर्म किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया गया है और उसे मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया।
BJP ने उठाए सियासी सवाल
घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी ने आरोपियों की TMC नेताओं के साथ तस्वीरें सार्वजनिक की हैं। इनमें आरोपी मनोजित मिश्रा को TMC सांसद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और राज्य की स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के साथ देखा जा सकता है। बीजेपी ने इसे “महिला सुरक्षा के नाम पर तृणमूल की दोहरी राजनीति” बताया और मुख्यमंत्री से जवाब मांगा। BJP नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “जब तक आरोपी सत्तारूढ़ दल से जुड़ा है, उसे संरक्षण मिलेगा। TMC का असली चेहरा सामने आ गया है।”
तृणमूल का जवाब: कानून से ऊपर कोई नहीं
इस मामले पर सफाई देते हुए राज्य की मंत्री शशि पांजा ने कहा कि पार्टी ऐसे घिनौने अपराध को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “बलात्कारी को पार्टी से कोई सहानुभूति नहीं है। कानून अपना काम करेगा। हमने ‘अपराजिता बिल’ पास किया था, लेकिन भाजपा ने इसे केंद्र में ब्लॉक कर दिया। महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।” TMC ने स्पष्ट कहा है कि आरोपी चाहे किसी भी राजनीतिक पृष्ठभूमि से हो, उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।
सामाजिक संगठनों का विरोध प्रदर्शन
घटना के खिलाफ कोलकाता में महिला संगठनों और छात्र संगठनों ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए—“बलात्कारी को फांसी दो”, “छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करो”। पीड़िता के समर्थन में आवाज बुलंद करते हुए उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर भी लापरवाही के आरोप लगाए।
निष्कर्ष
इस घटना ने एक बार फिर देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से ऊपर उठकर न्याय व्यवस्था कितनी जल्दी पीड़िता को न्याय दिला पाती है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।