राजस्थान में नकली उर्वरकों के खिलाफ चल रही बड़ी कार्रवाई में कृषि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने 34 अवैध फैक्ट्रियों को चिन्हित कर भारी मात्रा में नकली उर्वरक, कच्चा माल, ट्रक-ट्रेलर, मशीनरी और अन्य उपकरण जब्त किए हैं। यह कार्रवाई जयपुर और अजमेर ज़िले के विभिन्न गांवों में की गई।
कार्रवाई का नेतृत्व स्वयं कृषि मंत्री किरोड़ी मीणा ने किया। वे बुधवार सुबह रलावता गांव में एक कृषि कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे, जिसके बाद उन्होंने उदयपुरकलां गांव में अचानक निरीक्षण किया। वहां उन्हें अवैध रूप से संचालित फैक्ट्री में लाखों टन नकली उर्वरक और बड़ी मात्रा में कच्चा माल मिला।
फैक्ट्री संचालक ने की गुमराह करने की कोशिश, बाद में मांगी माफी
फैक्ट्री निरीक्षण के दौरान कृषि मंत्री मीणा ने उर्वरकों की गुणवत्ता, निर्माण प्रक्रिया, प्रिंटेड कट्टों और लाइसेंस की जानकारी ली। जब संचालक ने उर्वरकों को असली बताया और भ्रम फैलाने की कोशिश की, तब मंत्री के सवालों पर वह घबरा गया और कुछ ही देर में उनके पैरों में गिरकर माफी मांगने लगा। मौके पर मौजूद पुलिस ने संचालक और मजदूरों को हिरासत में ले लिया है।
उत्तरी भारत तक फैला नेटवर्क
जांच में सामने आया है कि इन अवैध फैक्ट्रियों में तैयार नकली उर्वरकों की सप्लाई राजस्थान समेत हरियाणा, पंजाब और बिहार जैसे राज्यों में की जा रही थी। कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में मिट्टी, मार्बल स्लरी, जली राख, केमिकल, भरे और खाली उर्वरक कट्टे, और कच्चा माल मिला है। फैक्ट्रियों में खड़े ट्रेलरों और ट्रकों में भी यह सामग्री भरी हुई पाई गई।
छह फैक्ट्रियों पर ताले, अन्य जगहों पर मजदूर हिरासत में
उदयपुरकलां और टिकावड़ा गांव में तीन-तीन फैक्ट्रियों पर छापे मारे गए, जबकि चुरली में चार और नलू गांव में दो फैक्ट्रियों को सीज किया गया। इनमें से कई फैक्ट्रियों में पहुंचते ही अधिकारियों को ताले लगे मिले, जिससे संचालक और मजदूर पहले ही फरार हो गए। दो फैक्ट्रियों में कुछ मजदूर कार्य करते मिले, जिन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
मशीनरी और वाहनों पर भी कार्रवाई
फैक्ट्रियों में लगी करोड़ों रुपये की मशीनें, ट्रेलर, टेम्पो, जेसीबी और अन्य भारी वाहन भी सीज कर लिए गए हैं। मंत्री मीणा ने पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई और अवैध कारोबारियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
जांच जारी, मालिकों की तलाश में टीमें तैनात
कृषि विभाग और पुलिस की टीमें अब इन फैक्ट्रियों के असली मालिकों की तलाश में जुट गई हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह संगठित गिरोह उत्तर भारत में लंबे समय से नकली उर्वरकों का जाल फैला रहा था।
सरकार ने चेताया: नकली उर्वरकों का उत्पादन व वितरण किसानों की आजीविका और खाद्य सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। राज्य सरकार ने चेतावनी दी है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
