उदयपुर। राज्य में किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद उपलब्ध कराने और मिलावट पर नकेल कसने के लिए कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में सख्त कार्रवाई जारी है। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन खाद निर्माण करने वाली फैक्ट्रियों पर बड़ी कार्रवाई की गई। कृषि विभाग की टीमों ने उदयपुर जिले की प्रमुख खाद फैक्ट्रियों पर छापेमारी कर जांच-पड़ताल की और 29 सैंपल एकत्र किए।
मंत्री मीणा के नेतृत्व में मावली स्थित ब्लू फास्फेट, पटेल फोस्कैम खेमली, कोरोमंडेल इंटरनेशनल उदयपुर, अरावली फास्फेट उमरड़ा और प्रेक्षा फास्फेट लिमिटेड फैक्ट्रियों में निरीक्षण किया गया। इस दौरान टीमों ने कच्चे माल और तैयार खाद के सैंपल लिए, साथ ही रिकॉर्ड संधारण से संबंधित दस्तावेजों की भी जांच की।
फैक्ट्रियों में अनियमितताओं के संकेत
जांच के दौरान कई फैक्ट्रियों में प्रक्रियाओं में लापरवाही और रिकॉर्ड में अनियमितताएं सामने आईं। अधिकारियों का कहना है कि सभी एकत्रित सैंपल्स को प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद जिन फैक्ट्रियों में गड़बड़ी मिलेगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लाइसेंस रद्द और मुकदमा दर्ज करने की तैयारी
कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट में मिलावट या गुणवत्ता में कमी सामने आने पर संबंधित फैक्ट्री मालिकों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और उनके लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। इस सख्ती का उद्देश्य किसानों को मिलावट रहित व प्रभावी खाद उपलब्ध कराना है।
किसानों को मिलेगी राहत
सरकार की इस पहल को किसानों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे जहां मिलावटखोरों पर लगाम लगेगी, वहीं किसान भी बेहतर उत्पादन के लिए गुणवत्तापूर्ण खाद प्राप्त कर सकेंगे। मंत्री मीणा ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और किसी भी स्तर पर अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।