राजस्थान हाईकोर्ट ने देवली-उनियारा उपचुनाव 2024 के दौरान हुए चर्चित समरावता थप्पड़ कांड में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को बड़ी राहत दी है। न्यायमूर्ति प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने शुक्रवार को नगरफोर्ट थाने में दर्ज FIR नंबर 167/24 के तहत दर्ज आगजनी और उपद्रव के मामले में उनकी तीसरी जमानत याचिका मंजूर कर ली। हालांकि कोर्ट के दो दिवसीय अवकाश के कारण उनकी रिहाई में देरी हो सकती है और सोमवार को उनके टोंक जेल से बाहर आने की संभावना जताई जा रही है। जमानत मिलने के बाद मीणा को SC-ST कोर्ट में बेल बॉन्ड पेश करना होगा।
वकील भावुक, समर्थकों में जश्न
इस फैसले के बाद नरेश मीणा के समर्थकों में उत्साह की लहर है। कई स्थानों पर उनके समर्थकों ने आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया। जमानत की खबर सुनते ही उनके वकील फतेहराम मीणा भावुक हो उठे। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक कानूनी राहत नहीं है, बल्कि न्याय में हमारे विश्वास की जीत है।”
8 महीने से जेल में बंद थे नरेश मीणा
गौरतलब है कि नरेश मीणा पिछले 8 महीनों से जेल में बंद थे। उनकी पहली दो जमानत याचिकाएं 14 फरवरी और 30 मई को खारिज कर दी गई थीं। तीसरी याचिका पर हाईकोर्ट ने उन्हें राहत दी है। इससे पहले थप्पड़ कांड में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी थी।
क्या है समरावता थप्पड़ कांड?
13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में मतदान का बहिष्कार किया गया था। नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि प्रशासन मतदान को जबरन कराने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान बूथ पर मौजूद एसडीएम अमित चौधरी के साथ बहस और धक्का-मुक्की हुई और नरेश मीणा ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। इस घटना के बाद इलाके में हिंसा भड़क उठी। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, वाहन जलाए और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। अगले दिन 14 नवंबर को पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।