राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने और डॉ. भीमराव अंबेडकर की विरासत से आमजन को जोड़ने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक योजना की शुरुआत की है। ‘डॉ. अंबेडकर पंचतीर्थ यात्रा योजना’ नामक इस पहल के तहत दलित समाज के लोगों को बाबा साहेब से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों की यात्रा करवाई जाएगी, जिसमें लंदन स्थित ऐतिहासिक अंबेडकर हाउस भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस योजना की औपचारिक शुरुआत अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) के अवसर पर की। जयपुर से दो बसों को हरी झंडी दिखाकर यात्रा के पहले चरण की शुरुआत की गई, जिसमें देश के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों को कवर किया गया।
क्या है पंचतीर्थ यात्रा योजना?
यह योजना केंद्र सरकार द्वारा घोषित पांच अंबेडकर स्थलों—महू, दीक्षा भूमि, महापरिनिर्वाण स्थल, चैत्य भूमि और लंदन स्थित अंबेडकर हाउस—को एक यात्रा श्रृंखला के रूप में जोड़ती है। राज्य सरकार इसे ज़मीन पर उतारने वाली पहली सरकार बन गई है।
लंदन यात्रा का उठाएगी सरकार पूरा खर्च
योजना की सबसे विशेष बात यह है कि इसमें लंदन स्थित बाबा साहेब के निवास—जहां उन्होंने कानून की पढ़ाई की थी—की भी यात्रा करवाई जाएगी। यह ऐतिहासिक इमारत अब एक स्मारक में परिवर्तित हो चुकी है और भारत सरकार की देखरेख में संरक्षित है। कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत के अनुसार, लंदन यात्रा का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जा चुका है। स्वीकृति मिलते ही योजना का अंतरराष्ट्रीय चरण शुरू किया जाएगा। इसमें यात्रा, आवास, भोजन और अन्य आवश्यकताओं का पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी।
पहले चरण में 1000 लाभार्थी
योजना के पहले चरण में 1000 लाभार्थियों को शामिल किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक वर्ष हजारों लोग इस योजना के माध्यम से बाबा साहेब के जीवन और विचारों से सीधे जुड़ सकें।
पंचतीर्थ स्थल इस प्रकार हैं:
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महू (मध्य प्रदेश) – अंबेडकर जी की जन्मभूमि
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दीक्षा भूमि (नागपुर) – जहाँ उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया
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महापरिनिर्वाण स्थल (दिल्ली) – उनका निधन स्थल
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चैत्य भूमि (मुंबई) – उनकी समाधि स्थल
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लंदन स्थित अंबेडकर हाउस – जहाँ से उन्होंने कानून की पढ़ाई की
आगे की प्रक्रिया और दिशा-निर्देश
फिलहाल, लंदन यात्रा की अवधि और कार्यक्रम को लेकर योजना स्तर पर मंथन जारी है। यह तय किया जा रहा है कि अंबेडकर हाउस के साथ-साथ अन्य शैक्षणिक व सांस्कृतिक स्थलों को भी यात्रा में शामिल किया जाएगा या नहीं। आवेदन प्रक्रिया और गाइडलाइन जल्द ही आधिकारिक पोर्टल पर जारी की जाएगी। यह योजना सामाजिक समरसता को एक नई दिशा देने के साथ ही युवाओं में डॉ. अंबेडकर के विचारों की गहरी समझ को प्रोत्साहित करेगी। यह पहल न केवल एक यात्रा है, बल्कि बाबा साहेब की विचारधारा से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर भी है।
