राजस्थान की महिलाओं के लिए 31 मई का दिन बेहद खास होने वाला है। इस दिन महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण को समर्पित कई योजनाओं और तोहफों की सौगात दी जाएगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में कार्यक्रम के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए।
महिला सशक्तिकरण को समर्पित भव्य आयोजन
राजधानी जयपुर के आरआईसी ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाले मुख्य समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा भी शामिल होंगे। इस मौके पर महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत और आर्थिक सहायता का वितरण किया जाएगा।
जानिए कौन-कौन सी सौगातें मिलेंगी:
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लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत 32,755 बालिकाओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
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एसटी प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में 16,944 बालिकाओं को लाभ मिलेगा।
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सफाई कामगार प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति के अंतर्गत 152 बालिकाओं को सहायता प्रदान की जाएगी।
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बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना के तहत 30,000 छात्राओं को फीस पुनर्भरण राशि का हस्तांतरण किया जाएगा।
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गार्गी पुरस्कार के रूप में 6,489 बालिकाओं को सम्मानित किया जाएगा।
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कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के तहत 2,000 छात्राओं को स्कूटी वितरित की जाएगी।
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150 कालिका यूनिट्स को भी हरी झंडी दिखाकर लॉन्च किया जाएगा।
कौन थीं महारानी अहिल्याबाई होल्कर?
अहिल्याबाई होल्कर भारत के इतिहास की ऐसी प्रेरणास्रोत महिला थीं, जिन्होंने अपने कार्यों और दूरदर्शी नेतृत्व से एक मिसाल कायम की। उनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चौंडी गांव में हुआ था। बाल अवस्था में ही उनकी योग्यता को पहचानकर मल्हार राव होल्कर ने उन्हें अपनी बहू के रूप में चुना। 1767 से 1795 तक उन्होंने मालवा राज्य की बागडोर संभाली। अपने शासनकाल में उन्होंने महिलाओं के कल्याण, शिक्षा और धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 13 अगस्त 1795 को उनका निधन हुआ, लेकिन उनके कार्य आज भी समाज के लिए प्रेरणा हैं।
राजस्थान सरकार का यह आयोजन सिर्फ एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है। 31 मई को आयोजित होने वाला यह समारोह नारी गरिमा और अधिकारों को नया आयाम देगा।
