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राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर दौसा में सर्वधर्म प्रार्थना सभा, सचिन बोले- ‘सबसे ज्यादा याद आती है पिता जी की मुस्कान’

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता स्वर्गीय राजेश पायलट की आज 25वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित जीरोता-भंडाना स्मारक स्थल पर बुधवार सुबह 10 बजे सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता, नेता और शुभचिंतक पहुंचे।

राजेश पायलट के पुत्र और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने आज एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, “मुझे जो सबसे ज्यादा याद आता है, वह है पिता जी की मुस्कान।” सचिन ने दो दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया था। ऐसे में गहलोत की उपस्थिति की भी प्रबल संभावना है।

कार्यक्रम की प्रमुख बातें:

  • स्मारक स्थल पर विशाल डोम तैयार: दौसा विधायक दीनदयाल बैरवा ने बताया कि प्रार्थना सभा के लिए स्मारक स्थल पर 35 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा डोम बनाया गया है। वीआईपी प्रवेश और आम लोगों के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं की गई हैं।

  • प्रेरणादायक प्रदर्शनी और रक्तदान शिविर: युवाओं को प्रेरित करने के लिए एक विशेष प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके अलावा, पायलट की स्मृति में सुबह 9 बजे से रक्तदान शिविर की भी शुरुआत हुई।

  • प्रभावशाली उपस्थिति: सभा में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता जैसे सांसद मुरारीलाल मीणा, पूर्व मंत्री ममता भूपेश, पूर्व विधायक ओमप्रकाश हुड़ला, जिलाध्यक्ष रामजीलाल ओढ़ और अन्य जिला स्तरीय नेता मौजूद रहे।

स्मारक और इतिहास:

2012 में जीरोता-भंडाना में पायलट स्मृति स्थल पर उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण हुआ था। उस कार्यक्रम में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अशोक गहलोत, मुकुल वासनिक और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। यह स्थल अब प्रेरणा केंद्र के रूप में विकसित किया गया है।

ऐसे हुआ था हादसा:

11 जून 2000 को जयपुर एयरपोर्ट जाते समय राजेश पायलट की कार एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई थी। भंडाना के पास ट्रक को ओवरटेक करते समय उनकी कार एक रोडवेज बस से टकरा गई थी। हादसे में राजेश पायलट और उनके सुरक्षा गार्ड की मौके पर ही मौत हो गई थी।

सियासी सरगर्मी:

इस आयोजन को लेकर दौसा की सियासत भी गर्म है। कई राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि पायलट-गहलोत की मुलाकात और नेताओं की एकजुटता से राज्य में कांग्रेस के अंदर फिर से एक नई दिशा तय हो सकती है।

सचिन पायलट के शब्दों में झलकता भावनात्मक जुड़ाव, और दौसा की धरती पर उमड़ा जनसैलाब, यह सब एक बार फिर राजेश पायलट की राजनीतिक विरासत की गहराई और लोगों से उनके जुड़ाव को उजागर करता है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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