राजस्थान की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक हनुमान बेनीवाल की पहल पर केंद्र सरकार ने सरिस्का और नाहरगढ़ अभयारण्यों में चल रही अवैध कमर्शियल गतिविधियों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राजस्थान सरकार से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
लोकसभा में उठाया मुद्दा, सोशल मीडिया पर साझा किया जवाब
सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस गंभीर विषय को लोकसभा के बजट सत्र में उठाते हुए आरोप लगाए थे कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों की अनदेखी करते हुए सरिस्का (अलवर) और नाहरगढ़ (जयपुर) के नक्शों में जानबूझकर बदलाव किया गया, जिससे होटल मालिकों और खनन माफियाओं को लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने इस मुद्दे को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के जवाब के साथ सोशल मीडिया पर भी साझा किया।
“जंगलों में हो रहा सत्ता संरक्षण में खेल”
बेनीवाल ने आरोप लगाया कि इको सेंसिटिव ज़ोन में एक दर्जन से अधिक होटल संचालित हो रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के अधिकारी महज नोटिस जारी कर इतिश्री कर लेते हैं, जबकि अवैध गतिविधियाँ बदस्तूर जारी हैं।
मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिया जवाब, रिपोर्ट तलब
लोकसभा में उठाए गए सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बेनीवाल को पत्र लिखकर सूचित किया कि भारत सरकार ने राजस्थान सरकार के वन विभाग के ACS से इस मामले पर संपूर्ण रिपोर्ट तलब की है और राज्य को उचित निर्देश भी जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से की कड़ी कार्रवाई की मांग
हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें, अवैध कमर्शियल गतिविधियों पर रोक लगाएं, दोषियों पर आर्थिक दंड व आपराधिक कार्रवाई करें, और अभयारण्यों के नक्शों में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को रोका जाए।
डोल का बाढ़ क्षेत्र का भी किया समर्थन
सांसद ने डोल का बाढ़ क्षेत्र में प्रस्तावित पीएम यूनिटी मॉल के लिए 2500 पेड़ों की संभावित कटाई का भी विरोध किया और राज्य सरकार से इस परियोजना पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन पर्यावरण संरक्षण के लिए है, न कि विकास के खिलाफ।
