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पेट्रोल-डीजल महंगा: केंद्र ने बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी, 2 रुपये प्रति लीटर हुआ महंगा

केंद्र सरकार ने आज पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। यह नई दरें आज रात 12 बजे से लागू हो गई हैं। हालांकि, पेट्रोलियम मंत्रालय ने दावा किया है कि इससे आम उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि तेल कंपनियों ने खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है।

क्या बदला?

  • पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 13 रुपये प्रति लीटर (पहले 11 रुपये)
  • डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 10 रुपये प्रति लीटर (पहले 8 रुपये)
  • वर्तमान खुदरा दरें (7 अप्रैल 2025 तक):
    • दिल्ली: पेट्रोल ₹94/लीटर, डीजल ₹87/लीटर
    • मुंबई: पेट्रोल ₹103.44/लीटर, डीजल ₹89.97/लीटर
सरकार का बचाव

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी का असर आम लोगों पर नहीं पड़ेगा। PSU तेल कंपनियों (ONGC, IOCL, BPCL, HPCL) ने खुदरा दामों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है।” हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें फिर से बढ़ीं, तो तेल कंपनियां इस बोझ को उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं

क्यों बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी?
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में उथल-पुथल: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ वॉर के कारण कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। सेंसेक्स में गिरावट: आज सुबह शेयर बाजार 3,000 पॉइंट से ज्यादा लुढ़का, जिससे सरकार को राजस्व घाटे की चिंता हुई। चुनावी खर्चों की वजह? विपक्ष का आरोप है कि सरकार 2024 लोकसभा चुनाव के बाद के खर्चों को पूरा करने के लिए एक्साइज ड्यूटी बढ़ा रही है।
क्या होगा असर?
  • मध्यम वर्ग पर दबाव: पहले से ही महंगाई से जूझ रहे आम लोगों के लिए यह एक और झटका है। ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में मुश्किलें: ट्रक, बस और टैक्सी ऑपरेटर्स के लिए ईंधन लागत बढ़ने से यात्रा दरें महंगी हो सकती हैं। महंगाई बढ़ने का खतरा: डीजल की कीमतों का सीधा असर सब्जियों और अन्य जरूरी सामानों की कीमतों पर पड़ सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
  • कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “मोदी सरकार जनता की जेब पर डाका डाल रही है।” आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल पर VAT कम करने की मांग की।

आगे क्या?

तेल विश्लेषकों का कहना है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें $80 प्रति बैरल से ऊपर जाती हैं, तो तेल कंपनियों को खुदरा दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं। फिलहाल, सरकार ने “नो इमीडिएट प्राइस हाइक” का दावा किया है, लेकिन भविष्य में कीमतों में बदलाव की आशंका बनी हुई है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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