राजस्थान में सफाईकर्मियों की लगातार हो रही मौतों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। बीते 10 दिनों में सेप्टिक टैंक और गटर की सफाई के दौरान 11 सफाईकर्मियों की जान जा चुकी है। इस गंभीर मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए पूछा – “आखिर सरकार की नींद कब टूटेगी?”
सरकार पर लापरवाही का आरोप
गहलोत ने कहा, “डीग, बीकानेर और अब जयपुर – सफाईकर्मियों की जानें जा रही हैं, लेकिन सरकार की संवेदनहीनता जस की तस है। बजट में मशीनों से सफाई की बात की गई थी, लेकिन वह योजना आज भी कागजों में दबी पड़ी है।” भाजपा सरकार के खिलाफ गहलोत का यह बयान तब आया है जब जयपुर के सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में चार सफाईकर्मियों की मौत हो गई। यह हादसा सोमवार रात अचल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड में घटित हुआ, जहां मजदूर 10 फीट गहरे सेप्टिक टैंक में सोना निकालने उतरे थे।
हादसे की भयावहता
जानकारी के अनुसार, जहरीली गैस की चपेट में आने से चार मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य बेहोश हो गए। दो मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है और वे अस्पताल में भर्ती हैं। दो अन्य को प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।
डोटासरा ने की जांच की मांग
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, “यह भाजपा सरकार की घोर उदासीनता है। बार-बार ऐसे हादसे हो रहे हैं, लेकिन सरकार सिर्फ तमाशबीन बनी हुई है।” उन्होंने मांग की है कि इस हादसे की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
सवालों के घेरे में सरकार
सफाईकर्मियों की लगातार हो रही मौतों के बाद राज्य सरकार पर सवालों की बौछार हो गई है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार न तो पर्याप्त सुरक्षा उपाय कर रही है और न ही मशीनों के प्रयोग को गंभीरता से ले रही है। जनहित में यह जरूरी है कि सरकार ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए – चाहे वह मशीनों का उपयोग हो, कर्मचारियों को सुरक्षा प्रशिक्षण देना हो या फिर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई। अब देखना यह होगा कि सरकार इन मौतों से सबक लेती है या फिर कोई और हादसा इस उदासीनता की कीमत चुकाएगा।
