कोटा, 30 जुलाई। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत योजना के अंतर्गत कोटा जिले में टीबी रोगियों को उपचार के साथ-साथ पोषण किट और आर्थिक सहायता का लाभ दिया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत उपचार के परिणामों में सुधार लाने तथा सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने की दृष्टि से ये नवाचार किए गए हैं। कोटा जिले में चिन्हित और सहमति प्रदान करने वाले क्षय रोगी इस योजना का लाभ लेते हुए टीबी मुक्ति और बेहतर स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ. एसएन मीणा के अनुसार जिले में 3 हजार 774 टीबी रोगियों की पहचान सर्वे के आधार पर की गई। जिनमें से 3312 रोगियों ने योजना से जुड़कर उपचार अन्य सहायता प्राप्त करने के लिए सहमति दी है। इन रोगियों को सरकार द्वारा निःशुल्क उपचार सुविधा दी जा रही है। साथ ही, प्रतिमाह एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी पूर्ण स्वस्थ होने तक देय है। इसके अलावा उपचाररत् रोगियों को पोषण किट (फूड बास्केट) भी प्रदान की जा रही है। इस पोषण किट में दैनिक उपयोग की खाद्य सामग्री और पोषक आहार जैसे चने, मूंगफली, सोयाबीन बड़ी, गुड़ इत्यादि शामिल हैं।
निक्षय मित्र बन कर सकते हैं भागीदारी
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य टीबी रोगियों को सामुदायिक सहायता प्रदान करना है ताकि रोगी का आत्मबल कमजोर न हो और आर्थिक सम्बलन भी होता रहे। रोगियों व उनके परिवारों को समुदाय के भीतर ही पोषण निदान और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है ताकि टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में समुदाय की भागीदारी हो सके। इससे रोगी के परिवार के लिए होने वाले खर्चे में कमी आएगी और रोगी के बेहतर पोषण से उपचार के बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। इसी उद्देश्य से संस्थाओं और दान-दाताओं के सहयोग से टीबी रोगियों को पोषण किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ऐसे दान-दाता या सहयोगी ‘‘निक्षय मित्र’’ कहलाते हैं। कोई भी इच्छुक व्यक्ति या संस्था दैनिक उपयोग की खाद्य सामग्री व पौष्टिक आहार अपनी सामर्थ्य अनुसार देकर इस योजना में सहयोगी बन सकता है।
– शिव कुमार शर्मा
