नई दिल्ली: भारतीय सेना पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी। देश की सर्वोच्च अदालत ने राहुल गांधी के बयान की निंदा करते हुए कहा था कि कोई भी सच्चा भारतीय ऐसा बयान नहीं देगा। इस फैसले के बाद राहुल गांधी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन अब उनकी बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने उनके बचाव में सामने आकर कोर्ट के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एनडीए की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के बयान को सबसे बड़ी फटकार बताते हुए इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए।
प्रियंका गांधी का बयान
संसद परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, “मैं माननीय न्यायाधीशों के प्रति पूरा सम्मान रखती हूं, लेकिन वे यह तय नहीं करेंगे कि कौन सच्चा भारतीय है और कौन नहीं।” उन्होंने कहा, “सरकार से सवाल करना विपक्ष के नेता का कर्तव्य है। मेरा भाई कभी भी सेना के खिलाफ नहीं बोलता, वह हमेशा सेना का सम्मान करता है। इस बात का गलत अर्थ निकाला गया है।”
पीएम मोदी ने जताई सुप्रीम कोर्ट की फटकार की महत्ता
वहीं दूसरी ओर एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के इस बयान को सबसे बड़ी फटकार बताते हुए कहा कि इस तरह की चेतावनी कभी नहीं दी जा सकती। भाजपा और सहयोगी दलों के सांसदों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव की सफलता का जश्न मनाया और राहुल गांधी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी सिरे से स्वीकार किया।
पूरा मामला क्या है?
यह विवाद राहुल गांधी के 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए गए एक बयान से शुरू हुआ था। उन्होंने कहा था कि लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में बात करेंगे, लेकिन चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है, 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई है और सैनिकों को अरुणाचल प्रदेश में पीटा जा रहा है, इस पर कोई चर्चा नहीं होती। इस बयान को लेकर यूपी के निवासी उदय शंकर श्रीवास्तव ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। निचली अदालत ने राहुल के खिलाफ समन जारी किया था, जिसके खिलाफ राहुल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि उन्हें इस बात का क्या सबूत है कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा किया है। कोर्ट ने कहा कि अगर आप सच्चे भारतीय हैं तो इस तरह की बातें सोशल मीडिया पर क्यों करते हैं, संसद में क्यों नहीं? कोर्ट ने साफ कहा कि विपक्षी नेता के तौर पर यह जिम्मेदारी है कि वे इस तरह के मुद्दों पर संसद में चर्चा करें।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।