मनोरंजन डेस्क: दिलजीत दोसांझ की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘पंजाब ’95’ एक बार फिर रिलीज़ में देरी का शिकार हो गई है। पहले 7 फरवरी 2025 को रिलीज़ होने वाली यह फिल्म अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के साथ जारी विवादों के चलते अपने तय समय पर पर्दे पर नहीं आ पाएगी। जसवंत सिंह खालरा के जीवन पर आधारित इस फिल्म का इंतजार कर रहे प्रशंसकों के लिए यह खबर बेहद निराशाजनक है।
CBFC के साथ सेंसरशिप की लड़ाई बनी बाधा
फिल्म की देरी का सबसे बड़ा कारण CBFC के साथ जारी सेंसरशिप विवाद है। बोर्ड ने फिल्म में 120 कट लगाने की मांग की, जिससे न केवल रिलीज़ प्रक्रिया प्रभावित हुई बल्कि फिल्म के मूल संदेश को भी खतरा पैदा हो गया।
फिल्म 1990 के दशक के दौरान पंजाब में मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा की बहादुरी और उनकी न्याय के लिए लड़ाई को दर्शाती है। खालरा ने पंजाब पुलिस द्वारा सिख युवाओं की न्यायेतर हत्याओं को उजागर किया था, जो आज भी एक संवेदनशील और विवादास्पद विषय है।
दिलजीत और निर्माता की प्रतिक्रिया
दिलजीत दोसांझ और फिल्म के निर्माता हनी त्रेहान ने इंस्टाग्राम पर एक संयुक्त बयान जारी कर देरी पर अफसोस जताया। बयान में कहा गया:
“हमें खेद है और हमें यह बताते हुए दुख हो रहा है कि हमारे नियंत्रण से बाहर परिस्थितियों के कारण, ‘पंजाब ’95’ 7 फरवरी को रिलीज़ नहीं हो पाएगी। हम अपने प्रशंसकों से धैर्य और समर्थन की उम्मीद करते हैं।”
प्रशंसकों ने ट्रेलर के रिलीज़ के बाद फिल्म को लेकर जो उत्साह दिखाया था, वह अचानक झटके में बदल गया।
भारत में ट्रेलर बैन: विवाद और गहरा
रिलीज़ की तारीख़ की घोषणा से कुछ दिन पहले, फिल्म का ट्रेलर लॉन्च किया गया था, जिसे 20 घंटे में 300,000 से अधिक बार देखा गया। लेकिन भारत में YouTube पर ट्रेलर को “आपके देश में उपलब्ध नहीं है” संदेश के साथ हटा दिया गया।
इस कदम ने सेंसरशिप और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई उपयोगकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों ने इस प्रतिबंध को लेकर विरोध दर्ज किया।
क्या है आगे का रास्ता?
फिल्म की नई रिलीज़ तारीख की घोषणा अभी तक नहीं हुई है। फिल्म के पीछे की टीम कानूनी और सेंसरशिप चुनौतियों का सामना कर रही है। हालांकि, प्रशंसकों को उम्मीद है कि यह फिल्म जसवंत सिंह खालरा के संघर्ष और साहस की कहानी को पर्दे पर उसी ताकत और सच्चाई के साथ पेश कर पाएगी।
‘पंजाब ’95’: एक उम्मीद की किरण या विवादों का नया अध्याय?
‘पंजाब ’95’ न केवल एक फिल्म है, बल्कि यह इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय को उजागर करने की कोशिश करती है। हालांकि, विवादों और सेंसरशिप के बीच फंसी इस कहानी की राह आसान नहीं लगती। अब देखना यह है कि फिल्म कब तक पर्दे पर अपना सफर तय करती है।
“प्रशंसकों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन उम्मीद है कि यह फिल्म सच्चाई और न्याय के लिए अपने मिशन को पूरा करेगी।”