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वोटर लिस्ट विवाद पर पटना की सड़कों पर उतरे राहुल गांधी, तेजस्वी और विपक्षी नेता, चुनाव आयोग घेराव की कोशिश

बिहार में चल रहे विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ विपक्षी महागठबंधन ने गुरुवार को जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। इस एवज में महागठबंधन ने बिहार बंद का आह्वान किया। इस बंद का नेतृत्व करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी विशेष रूप से पटना पहुंचे, जहां वे तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य और मुकेश सहनी के साथ एक रथ पर सवार होकर चुनाव आयोग कार्यालय की ओर मार्च करने निकले।

बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश, पुलिस से हल्का तनाव

महागठबंधन के हजारों कार्यकर्ताओं ने पटना की सड़कों पर मार्च करते हुए चुनाव आयोग कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की। पुलिस ने सुरक्षा कारणों से पहले ही रास्ते में बैरिकेडिंग कर दी थी। कई कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, जिससे थोड़ी देर के लिए तनाव की स्थिति बन गई। हालांकि सीनियर पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के हस्तक्षेप से हालात काबू में आ गए।

राहुल गांधी का हमला – “बिहार में दोहराई जा रही है महाराष्ट्र जैसी साजिश”

शहीद स्मारक के पास जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा “महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भी इंडिया गठबंधन विधानसभा में बुरी तरह हार गया। जांच में पाया गया कि एक दिन में लाखों फर्जी वोट जुड़े और गरीबों के वोट काट दिए गए। अब यही कोशिश बिहार में हो रही है। लेकिन याद रखो, ये बिहार है… यहां के लोग अपना हक छीनने नहीं देंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बार-बार मांगने के बाद भी वोटर लिस्ट नहीं सौंपी।

तेजस्वी यादव का आरोप – “ये वोटबंदी है” राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची पुनरीक्षण को ‘वोटबंदी’ करार देते हुए कहा: “चुनाव आयोग की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है। गरीबों का नाम पहले वोटर लिस्ट से हटाया जा रहा है, अब कल को राशन भी बंद कर देंगे। यह सीधी साजिश है।” वहीं, आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने तेजस्वी यादव से कहा कि यदि पुलिस उन्हें चुनाव आयोग कार्यालय तक न जाने दे, तो वहीं पर धरने पर बैठ जाएं।

विपक्ष का विरोध क्यों?

राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) चला रहा है। विपक्ष का आरोप है कि इसमें मांगे गए 11 दस्तावेजों में से अधिकतर गरीबों के पास नहीं हैं, जिससे उनके नाम मतदाता सूची से हट सकते हैं। इस आधार पर महागठबंधन इसे गरीब विरोधी और लोकतंत्र के खिलाफ अभियान बता रहा है। ऐसे में राहुल गांधी के पटना आगमन पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया। पटना एयरपोर्ट से आयकर गोलंबर तक रोड शो में हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए।

निष्कर्ष:
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण ने नया राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। राहुल गांधी का मैदान में उतरना और चुनाव आयोग कार्यालय के घेराव की कोशिश 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक टकराव को और तेज कर सकती है। महागठबंधन ने इसे गरीबों के वोट पर हमला बताया है, जबकि सत्तारूढ़ पक्ष ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बताया है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग और सरकार इस विवाद पर क्या रुख अपनाते हैं।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

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