भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले के नदबई उपखंड अस्पताल में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। यहां 4 वर्षीय मासूम बच्चे की मौत उपचार में देरी और एंबुलेंस के समय पर न पहुंचने की वजह से हो गई। मासूम की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल परिसर में शव रखकर धरना दिया और जमकर हंगामा किया।
मृतक बच्चे के परिजन मनोज ने बताया कि उसका बेटा तेजस बीते दिन बुखार से पीड़ित था। गुरुवार सुबह करीब 7 बजकर 35 मिनट पर उसे नदबई अस्पताल लाया गया। नर्सिंग स्टाफ ने प्रारंभिक उपचार किया लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद नर्सिंग स्टाफ ने चिकित्सक को फोन किया, लेकिन डॉक्टर समय पर अस्पताल नहीं पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि काफी देर बाद पहुंचे डॉक्टर ने बच्चे को दूर से देखा और जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
परिजनों के मुताबिक, रेफर करने के बाद जब बच्चा एंबुलेंस में ले जाया जा रहा था तो उसकी तबीयत और बिगड़ गई। परिजनों ने डॉक्टर को एंबुलेंस के पास बुलाया, लेकिन चिकित्सक नहीं आए। इस दौरान एंबुलेंस के इंतजार में बच्चा तड़पता रहा और अंततः उसकी मौत हो गई।
अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बच्चे की हालत गंभीर थी और उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था। डॉ. रामनिवास मीणा ने बताया कि डॉक्टर भागचंद मीणा ने बच्चे का इलाज किया था, लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे रेफर कर दिया गया। हालांकि, एंबुलेंस करीब एक घंटे की देरी से पहुंची, जिससे मासूम ने दम तोड़ दिया।
घटना की सूचना पर नदबई थाना प्रभारी बृजेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने की कोशिश की। लेकिन गुस्साए परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हकीकत और एंबुलेंस सेवाओं की लचर व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।