राजस्थान में भ्रष्टाचार का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक सरकारी शिक्षक ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आवास पर पहुंचकर खुलेआम रिश्वत देने की कोशिश की। शिक्षक पाठ्यक्रम समिति में शामिल होने की सिफारिश के लिए मंत्री को 5 हजार रुपये और मिठाई का डिब्बा सौंपने पहुंचा। इस घटना से राज्य के शिक्षा महकमे में खलबली मच गई है।
सोमवार सुबह मंत्री मदन दिलावर आम जनसुनवाई कर रहे थे, तभी बांसवाड़ा के एक सरकारी विद्यालय में कार्यरत शिक्षक चंद्रकांत वैष्णव एक प्रार्थना पत्र, मिठाई का डिब्बा और एक लिफाफा लेकर उनके पास पहुंचा। लिफाफे में पांच हजार रुपये नकद रखे गए थे। शुरुआत में मंत्री ने लिफाफे को सामान्य सिफारिश पत्र मानकर अपने पास रख लिया, लेकिन जब उन्होंने उसे खोला तो उसमें रुपये देखकर चौंक गए।
मंत्री ने तुरंत दी पुलिस को सूचना
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने प्रेस वार्ता में बताया, “मैंने लिफाफा देखा तो उसमें 5 हजार रुपये थे। मैंने तत्काल पुलिस को सूचना दी। यह मेरे राजनीतिक जीवन की पहली ऐसी घटना है। 35-36 साल की राजनीति में कभी किसी ने ऐसी हिम्मत नहीं की थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब लोगों को लगता है कि शिक्षा मंत्री पैसे लेकर काम करवाते हैं।” मंत्री ने इस घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए कहा, “मैं आगे-पीछे के मंत्रियों की बात नहीं कर सकता, लेकिन मेरे कार्यकाल में ऐसी सोच के लिए कोई जगह नहीं है। यह सोच दुखद है कि कोई मुझे भी पैसों से प्रभावित करने की कोशिश कर सकता है।”
पत्र में संघ और ABVP से जुड़ाव का हवाला
शिक्षक चंद्रकांत वैष्णव ने अपने प्रार्थना पत्र में लिखा कि वह बांसवाड़ा के राजकीय विद्यालय में अध्यापक हैं और छात्र जीवन से ही एबीवीपी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से जुड़े रहे हैं। उन्होंने लिखा कि शिक्षा विभाग की कई गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं और कक्षा 6 से 8 तक की विज्ञान विषय की पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति में लेखक के रूप में शामिल होने की अनुशंसा के लिए वह श्रम कर रहे हैं।
पुलिस कर रही पूछताछ
मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने शिक्षक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग के निदेशक आशीष मोदी भी इस दौरान प्रेस वार्ता में मौजूद रहे और उन्होंने मंत्री द्वारा उठाए गए कदम को सराहनीय बताया। यह घटना ना सिर्फ शिक्षा विभाग में नैतिकता की परीक्षा बनकर सामने आई है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे कुछ लोग पद पाने के लिए भ्रष्ट तरीकों का सहारा लेने से नहीं चूकते। सरकार ने मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
