राजस्थान की सियासी हलचल में आज एक नया मोड़ तब आया जब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर सीधे निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे प्रदेश की बजाय दिल्ली में “हाजिरी” दे रहे हैं। जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री पिछले एक साल से दिल्ली के “दर्जनों चक्कर” लगा चुके हैं, लेकिन अब तक राज्य के लिए एक “चवन्नी” तक नहीं ला सके।
“पर्ची सरकार” करार दी बीजेपी की सत्ता
गुरुवार को दिए गए बयान में जूली ने भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान सरकार को “पर्ची सरकार” बताया। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री शर्मा खुद फैसले लेने की स्थिति में नहीं हैं और जब तक दिल्ली से आदेश नहीं आता, वह कोई निर्णय नहीं लेते। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की स्थिति “दिल्ली के निर्देशों की प्रतीक्षा करने वाले अफसर” जैसी हो गई है।
> “राज्य की सरकार जनता की नहीं, दिल्ली के इशारे पर चल रही है। भाजपा के नेता सवालों से बच रहे हैं और जवाब गोलमोल देकर निकल जाते हैं।” — टीकाराम जूली
विकास और कानून-व्यवस्था पर सवाल
जूली ने राजस्थान सरकार पर हर मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है, माफिया राज बढ़ रहा है और सरकारी योजनाओं की हालत खराब है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि बजट की कोई कमी नहीं है, लेकिन पंचायतों को बजट, पेंशन और छात्रवृत्ति तक नहीं मिल पा रही।
जनता की तकलीफें और चेतावनी
नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में लूट-खसोट का माहौल है और जनता बेहाल है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए तो जनता खुद जवाब देगी।
